नहीं रही ‘मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व’: PTR को आबाद करने वाली बाघिन टी-2 ने 19 साल में तोड़ा दम, चार पीढ़ियों से कुल 85 संतानें


इदरीश मोहम्मद, पन्ना. मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (PTR) को आबाद करने वाली करिश्माई बाघिन टी-2 नहीं रही. इस बाघिन को ‘मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व’ कहा जाता था. जिसका शव 28 मई को उत्तर वन मंडल के अमरझाला बीट में मिला था. तब उसकी पहचान नहीं हो पाई थी. लेकिन अब प्रबंधन ने रिकार्ड के जरिए से इसकी पहचान टी-2 के रूप में की है. वह वहीं टी-2 बाघिन थी, जिसने PTR को बाघों से गुलजार किया था.

बता दें कि साल 2008 में पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघों के विलुप्त हो जाने पर पीटीआर में बाघ पुनर्स्थापना योजना साल 2009 में प्रारंभ की गई. जिसके अंतर्गत प्रथम बाघ के रूप में बाघिन टी-1 बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 4 मार्च 2009 को लाई गई. इसी तारतम्य में 9 मार्च 2009 को बाघिन टी-2 कान्हा टाइगर रिजर्व से एयर फोर्स के विमान के जरिए पीटीआर में लाई गई थी. बाघिन को सॉफ्ट रिलीज करने के लिए 2 से 3 दिन बड़गड़ी में स्थित बाघ बाड़ा में रखा गया.

बाघिन ने 21 शावकों दिया था जन्म

इसके बाद बाघिन टी-2 को स्वच्छंद विचरण करने के लिए छोड़ दिया गया. बाघिन ने पेंच टाइगर रिजर्व से लाए गए नर बाघ टी-3 के साथ प्रजनन कर 21 संतानों को जन्म दिया. बाघिन टी-2 की चार पीढ़ियों से कुल 85 संतानें हैं. अपने पूरे जीवनकाल में बाघिन का मूवमेंट पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत परिक्षेत्र हिनौता, गहरीघाट, पन्ना कोर, मड़ला, पन्ना (गंगऊ) अभ्यारण्य और उत्तर वनमंडल पन्ना के देवेंद्रनगर वन परिक्षेत्र में रहा.

19 साल की आयु पूरी कर ली थी बाघिन

इस करिश्माई बाघिन के शावक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व, रानीपुर वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी, चित्रकूट के जंगल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, सतना फॉरेस्ट डिवीजन, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व, माधव नेशनल पार्क में विचरण कर रहे हैं. फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि बाघिन ने लगभग 19 साल की आयु पूरी कर ली थी. जो किसी भी फ्री रेन्जिंग बाघों की अधिकतम आयु में से एक है.

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