MP Cabinet Meeting Official Report 3 June 2025


जनजातीय राजा भभूत सिंह के शौर्य और बलिदान को समर्पित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक पचमढ़ी के राजभवन में हुई। नर्मदापुरम जिले के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए मंत्रि परिषद ने मे० केसर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक लि० व्दारा क्रियान्वित कम्पोजिट लॉजिस्टिक हब पवारखेड़ा परियोजना को मे० डी.पी.वर्ल्ड मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक प्रा० लि० को हस्तांतरित किये जाने का निर्णय लिया है। 

प्रमुख राजस्व आयुक्त एवं आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालयों के पुनर्गठन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि प्रमुख राजस्व आयुक्त एवं आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालयों का पुनर्गठन किया जाये। दोनों कार्यालयों के पुनर्गठन के फलस्वरूप एकीकृत कार्यालय का नाम कार्यालय आयुक्त भू-संसाधन प्रबंधन होगा, जिसमें एक मुख्यालय एवं एक सहायक मुख्यालय होगा। वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप अधीक्षक भू-अभिलेख एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को क्रमशः तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार में समायोजित किया गया है। इस तरह प्राप्त अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार को न्यायालयीन कार्य एवं गैर न्यायालयीन कार्य जैसे प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था, सर्वे इत्यादि के रूप में पदस्थ किया जायेगा। न्यायालयीन कार्य के लिए पृथक तहसीलदार होने से प्रतिदिन राजस्व न्यायालय में न्यायालयीन कार्यवाही संभव होने से राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति आयेगी।

श्रम कानूनों में सरलीकरण के लिए तीन श्रम कानूनों में संशोधन का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने श्रम कानूनों में प्रक्रिया का सरलीकरण एवं छोटे और मध्यम स्तर के संस्थानों और उद्द्योर्गों पर अनुपालन के बोझ को कम करने के उद्देश्य से तीन श्रम कानूनों में संशोधन की अनुमति दी है। ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970 के अंतर्गत वर्तमान में नियोजन के लिए निर्धारित 20 ठेका श्रमिक सीमा को बढ़ाकर  50 ठेका श्रमिक किया गया है। साथ ही कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में वर्तमान में निर्धारित 10 श्रमिक नियोजित होने तथा बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में वर्तमान में निर्धारित 20 श्रमिक नियोजित होने की सीमा को क्रमशः शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में 20 श्रमिक तथा बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण चलाने वाले परिसरों में 40 श्रमिक तक बढ़ाया गया। इसी प्रकार औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत वर्तमान में मात्र लोक उपयोगी सेवाओं में हड़ताल तथा तालाबंदी के पूर्व सूचना-पत्र देने के प्रावधान के स्थान पर इसे समस्त औद्योगिक स्थापनाओं में लागू करने का प्रावधान सम्मिलित किया गया है।

मध्यप्रदेश में एग्रीटेक हब / इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर “Agritech-Hub/Innovation Hub for Agriculture” परियोजना की स्थापना के लिए मंत्रि-परिषद का अनुमोदन

मंत्रि परिषद ने तकनीकी आधारित कृषि विकास एवं कृषि उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार की भावी संभावनाओं के दृष्टिगत मध्यप्रदेश में एग्रीटेक हब / इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर “Agritech-Hub/Innovation Hub for Agriculture” परियोजना की स्थापना/संचालन के लिए राज्य शासन की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) को सहभागीदार बनाये जाने का निर्णय लिया है। साथ ही  इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति के अनुरूप भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान, इन्दौर को परियोजना की स्थापना के लिए राज्यांश के रूप में वित्तीय वर्ष 2025-26 में राशि रुपये दो करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में तकनीकी आधारित कृषि की आवश्कताओं के अनुरूप कृषि उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि किये जाने के उद्देश्य से इंदौर में “Agritech-Hub/Innovation Hub for Agriculture” की स्थापना की जाएगी। यह गुणवत्तायुक्त तकनीक किसानों तक पहुँचाये जाने की आवश्यकताओं के ज्ञान प्रबंधन, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और क्षमताओं का निर्माण करने के लिए केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर द्वारा ICAR-IISR इंदौर, ICAR-CIAE भोपाल एवं C-DAC पुणे के सहयोग से स्थापना की जाएगी। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity), भारत सरकार द्वारा परियोजना लागत राशि रूपये 14.98 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

परियोजना की स्थापना और संचालन के लिए कुल लागत राशि 14 करोड़ 98 लाख रूपये में से इलेक्ट्रॉनिक्स एव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की 11 करोड़ 32 लाख रूपये की, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मध्यप्रदेश की दो करोड़ रूपये की, आईआईटी इन्दौर की एक करोड़ 10 लाख रूपये की, टेकरीमा एग्रो रिसर्च एण्ड डेव्हलपमेंट प्रा.लि. की 25 लाख रूपये की, देवदित्य टेक्नोक्रेट्स एलएलपी इन्दौर की 10 लाख रूपये की, कॉर्नस्टोन साल्यूशन्स इन्दौर की 10 लाख रूपये की और रुची हाई रिच सीडस् प्रा.लि. की 10 लाख रूपये की वित्तीय सहभागिता रहेगी।

एग्रीटेक हब के प्रमुख उद्देश्यों में आईआईटी इंदौर में कृषि में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करना है। यह 46 डीप एग्रीटेक कार्यक्रमों, 40 आविष्कारों, 25 पेटेंट दाखिल करने, 8 स्टार्टअप के इनक्यूबेशन और स्टार्टअप के माध्यम से 10 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और लाइसेंसिंग समझौतों को सुविधाजनक बनाएगा। साथ ही फसलों में नए और बेहतर लक्षणों के विकास को सक्षम करने के लिए जीनोमिक्स, फेनोमिक्स, सटीक कृषि, ड्रोन-आधारित इमेजिंग, बीज गुणवत्ता परीक्षण के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च प्रदर्शन कम्प्यूटिंग आधारित बड़े डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग के विकास को उत्प्रेरित करेगा।

मध्य प्रदेश मंत्री परिषद की यादगार पचमढ़ी बैठक का छायाचित्र

कैबिनेट बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय 





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *