नेशनल अवॉर्ड सम्मानित महिला 32 घंटे तक रही डिजिटल अरेस्ट: साइबर ठगों ने मांगे करोड़ों रुपए, इस वजह से हो गए फेल


चंकी बाजपेयी, इंदौर। साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रहे हैं। इस बीच इंदौर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जहां जालसाजों ने नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित महिला को 32 घंटों तक फेक डिजिटल अरेस्ट किया था। बदमाशों ने उनसे करोड़ों रुपए ऐंठने के लिए कई बहाने बनाए। इस दौरान उनके चंगुल से छूटने की कहानी बेहद रोचक है। 

82 साल की बुजुर्ग महिला को सिम बंद करने का दिया हवाला

दरअसल, 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला नंदिनी चिकोलकर को साइबर अपराधियों ने फर्जी डिजिटल अरेस्ट किया था। महिला को 27 मई की सुबह 7 बजे और फिर 9 बजे फोन आया। दूसरी तरफ से बात कर रहे शख्स ने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताकर सिम बंद करने का हवाला दिया। 

पुलिस अधिकारी बनकर खाते से करोड़ों के ट्रांजेक्शन का दिया झांसा

कुछ देर बाद महिला को एक और फोन आया। इस बार दूसरी तरफ से बात कर रहे शख्स ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया। उसने कहा कि वह महाराष्ट्र के कोलाबा पुलिस से बोल रहा है। उसने महिला के बैंक अकाउंट से करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन होने की बात कही। जालसाज ने यह भी पूछा कि क्या वह नरेश गोयल के संपर्क में है? उसके बैंक अकाउंट से करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया है। पीड़िता को डराकर महाराष्ट्र बुलाया।

वीडियो कॉल कर कहा- आप हमारी गिरफ्त में

महिला ने यह कहकर इनकार कर दिया कि कुछ समय पहले ही उसका ऑपरेशन हुआ है इसलिए वह नहीं आ सकती। साइबर ठगों ने इसका फायदा उठाया और बुजुर्ग महिला को वीडियो कॉल कर कहा- “आप पूरी तरह से हमारी गिरफ्त में हैं। अब आप कहीं पर भी जाएंगी तो हमसे बात करते हुए ही जाएंगी।”

एफडी तुडवाने बैंक पहुंची महिला

इसके बाद 28 तारीख की शाम तक बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट रखा गया और उससे करोड़ों रुपयों की डिमांड की गई। बुजुर्ग ने बैंक से पैसे भेजने की बात कही तो जालसाज राजी हो गए और उन्होंने बैंक जाने की छूट दे दी। महिला बैंक पहुंची तो वहां लाखों रुपए की एफडी तुड़वाने की बात कही। इस पर बैंक कर्मचारियों ने इसका कारण पूछा तो वह घबरा गई और कहा कि यह उसकी एफडी है और वह इसे तुड़वाना चाहती है।

पुलिस ने ठगी का शिकार होने से बचाया

बैंक कर्मचारियों ने तत्काल उनके परिजनों से संपर्क किया और फिर पुलिस तक यह बात बताई। पुलिस मोर्चा संभालते हुए बुजुर्ग महिला के पास पहुंची और बताया कि वह फर्जी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर अपराध का शिकार हुई हैं। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि साइबर क्राइम ब्रांच ने पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कर नंबर की जांच पड़ताल शुरू कर दी है जिससे फर्जी डिजिटल अरेस्ट किया गया था। 

राष्ट्रीय अवॉर्ड से भी नवाजी जा चुकी हैं रिटायर टीचर

बता दें कि बुजुर्ग महिला एक रिटायर टीचर हैं। उन्हें राष्ट्रीय अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। परिवार में उनके बच्चे हैं लेकिन वह बाहर नौकरी करते हैं।

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