Madhya Pradesh – लाड़ली लक्ष्मी योजना ने 16 वर्षीय लड़की की जिंदगी बर्बाद होने से बचाई
मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रीवा जिले के जवा थाना क्षेत्र में 16 साल की एक नाबालिग लड़की की शादी रुकवाने में इस योजना के दस्तावेज और एक जागरूक नागरिक की शिकायत ने अहम योगदान दिया।
16 वर्षीय लड़की की शादी 22 साल के लड़के से कर रहे थे
जवा थाना क्षेत्र में एक परिवार ने अपनी 16 साल 5 महीने की बेटी की शादी चकघाट के चंदई गांव के 22 वर्षीय युवक से तय की थी। 27 मई 2025 को बारात आने वाली थी। शादी की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी थीं, मेहमान इकट्ठा हो गए थे, और पंडाल सज चुका था। लेकिन एक सतर्क व्यक्ति ने महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग को शिकायत की कि लड़की नाबालिग है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र से आयु की पुष्टि हुई
शिकायत की जाँच में लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र से लड़की की जन्मतिथि (5 दिसंबर 2008) की पुष्टि हुई। इसके आधार पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने तुरंत कार्रवाई की और शादी को रुकवा दिया। अधिकारियों ने परिवार को समझाया कि कानूनी उम्र से पहले शादी कराना गैरकानूनी है और इसके लिए सख्त कार्रवाई हो सकती है।
एसपी विवेक सिंह ने बताया कि बाल विवाह की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की गई। टीम ने मौके पर जाकर जन्म प्रमाण पत्र और लाड़ली लक्ष्मी योजना के दस्तावेजों की जाँच की, जिससे शिकायत सही पाई गई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर परिवार शादी के लिए जिद करता है, तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जाएँगे।
यह घटना सरकारी योजनाओं की ताकत और सामाजिक जागरूकता का शानदार उदाहरण है। लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रमाण पत्र केवल एक कागज़ नहीं, बल्कि लड़कियों के सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक बन गया है। सही तरीके से उपयोग किए जाने पर ऐसी योजनाएँ समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।