‘शिवराज’ ने रची हत्या की झूठी साजिश: पुरानी रंजिश में खेला आंख मिचौली का खेल, फिर पुलिस ने ऐसे किया मामले का पर्दाफाश
हेमंत शर्मा, इंदौर. मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने एक फर्जी हत्या के प्रयास की कहानी का पर्दाफाश किया है. घटना पलासिया थाना क्षेत्र की है. जहां एक युवक ने पुराने विवाद के चलते जानलेवा हमले की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जांच में सामने आया कि युवक ने खुद ही अपने हाथ पर चाकू से चोट पहुंचाई थी और फिर इसे हमला बताकर दूसरों को फंसाने की साजिश रच डाली.
क्या था मामला?
दरअसल, 26 मई 2025 की रात करीब 3 बजे शिवराज मेवाड़ा निवासी मालीखेड़ी, जिला शाजापुर (फिलहाल निवासी कल्पक अपार्टमेंट, मनीषपुरी, इंदौर) ने पलासिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने आरोप लगाया था कि टैक्सी स्टैंड के पास तरुण मालवीय और उसके दो साथियों ने उस पर जानलेवा हमला किया. जिसमें उसके बाएं हाथ पर चाकू से गंभीर चोट आई. पुलिस ने शिवराज की शिकायत पर तरुण मालवीय और दो अज्ञात साथियों के खिलाफ धारा 109, 296, 115(2), 3(5) आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया था. चोट की मेडिकल जांच भी करवाई गई थी.
जांच में निकला झूठ का जाल
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त, डीसीपी जोन-3 और एडीसीपी के निर्देश पर मामले की बारीकी से जांच शुरू की गई. एसीपी संयोगितागंज के मार्गदर्शन में पलासिया थाना पुलिस ने तकनीकी जांच की. जिसमें खुलासा हुआ कि घटना के समय आरोपी तरुण मालवीय शुजालपुर में मौजूद था. इसके बाद फरियादी शिवराज और उसके मित्र नरेंद्र मेवाड़ा से अलग-अलग पूछताछ की गई. जिनके बयान आपस में मेल नहीं खा रहे थे. जांच में जब शिवराज का मोबाइल फोन चेक किया गया तो उसमें एक नई कहानी सामने आई.
महिला मित्र से झगड़े के बाद खुद को पहुंचाई थी चोट
मोबाइल में मिली व्हाट्सएप चैट से स्पष्ट हुआ कि घटना वाली रात शिवराज का अपनी महिला मित्र से झगड़ा हुआ था. बहस के दौरान उसने आत्महत्या की धमकी दी और नशे की हालत में खुद ही अपने हाथ पर चाकू से वार कर लिया. इसके बाद उसने खून से लथपथ फोटो अपनी महिला मित्र को भेजा.
पुराने विवाद की रंजिश में दर्ज करवाई झूठी FIR
जब शिवराज से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि यह हमला फर्जी था. उसने बताया कि एक महीने पहले शुजालपुर में शादी समारोह के दौरान उसका और नरेंद्र का तरुण मालवीय से विवाद हो गया था. जिसमें तरुण ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसी का बदला लेने के लिए शिवराज ने जानबूझकर झूठी रिपोर्ट करवाई. ताकि तरुण को फंसाया जा सके. शिवराज ने बताया कि ज्यादा खून बहने के बाद वह नरेंद्र को बुलाकर CHL अस्पताल गया. जहां डॉक्टर ने उसे MLC कराने की सलाह दी. इलाज महंगा लगने पर वह थाना पहुंचा और झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा दी.
पुलिस करेगी कानूनी कार्रवाई
फर्जी रिपोर्ट करने और निर्दोष को फंसाने की साजिश को गंभीरता से लेते हुए अब पुलिस शिवराज मेवाड़ा और नरेंद्र मेवाड़ा के खिलाफ झूठी FIR दर्ज करने, साजिश रचने और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में कार्रवाई की तैयारी कर रही है.
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