कान्हा नेशनल पार्क में बाघिन की मौत: दो चट्टानों के बीच फंसने से गई जान, एक के बाद एक बाघों की हो रही मौतों से उठे सवाल  


पवन राय, मंडला। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व में एक मादा बाघ की मौत हो गई। मंगलवार को बाघ का शव कान्हा रेंज के मुण्डीदादर वन परिक्षेत्र में सुलकुम नदी के पास मिला। बाघिन की मौत दो चट्टान के बीच दबकर होने से हुई है। चट्टानों मे दबकर बाघिन की मौत की घटना थोड़ी विचित्र है।

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बाघिन की उम्र 8 से 10 वर्ष क़े करीब बताई जा रही है। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।  पशु डॉक्टरों की टीम ने  शावक के शव का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद क्षेत्र संचालक रविंद्र मणि त्रिपाठी की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया।

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बता दें कि कान्हा टाइगर रिजर्व में जनवरी से लेकर अब तक 4 बाघों ने दम तोड़ा है। 28 जनवरी को मुककी क्षेत्र में 2 वर्षीय मादा बाघ का शव मिला था।19 फरवरी को किसलि में 13 वर्षीय बाघिन मृत पाई गई। 2 मार्च को सुपखार में 5 वर्षीय नर बाघ की मौत हुई। 18 अप्रैल को किसली क़े जामुन टोला मे फिर एक मादा बाघ की मौत  और दो दिनों गश्ती क़े दौरान एक बाघिन की मौत हुई जो की चट्टानों क़े बीचों बीच मृत पाई गई। 7  महीने में 5  बाघों की मौत से पार्क प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। 

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