कमलनाथ के करीबी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष का बड़ा दावा: विधानसभा चुनाव में 150 सीट पर हुई थी सौदेबाजी, कांग्रेस मना करे तो मैं सबूत देने तैयार


शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते विधानसभा चुनावों की सियासत को लेकर ग्वालियर चंबल संभाग के पूर्व कांग्रेस दिग्गज का एक ऐसा बयान सामने आया है, जो अब राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा रहा है। दरअसल, यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले पूर्व कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष दामोदर सिंह यादव का है। साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अलविदा कह चुके यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि पार्टी ने 40 से 60 प्रतिशत टिकट बेचे हैं। इनके प्रमाण देने के लिए भी मैं तैयार हूं।

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प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दामोदर सिंह यादव ने कहा कि मैं पीसीसी उपाध्यक्ष था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की कोर टीम का हिस्सा माना जाता था। तब चुनावों में 40 से 60 प्रतिशत सीटों पर टिकट बेचे गए थे। ग्वालियर चंबल संभाग में तो टिकट की खरीद फरोख्त तो हुई ही थी, बल्कि पूरे प्रदेश में करीब 150 सीटों की सौदेबाजी हुई थी। कांग्रेस इस बात से इंकार करे तो इसके सबूत मेरे पास हैं। मैं प्रमाण देने के लिए भी तैयार हूं। एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि कांग्रेस की हार का कारण टिकट में मनमानी के साथ सामंतवादी सोच है। कमलनाथ गद्दी पर हो या पटवारी कांग्रेस में चलेगा सामंतवाद।

कांग्रेस ने कहा- ऐसे बयान से पार्टी को नहीं मतलब

दामोदर सिंह यादव के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी। प्रदेश प्रवक्ता अमित तावड़े ने कहा कि पार्टी ने दामोदर को कई सारे बड़े पद दिए। प्रदेश में बड़े कांग्रेस नेता का सम्मान भी दिया। अब एक साल बाद अपनी बात कह रहे हैं। यदि उन्हें खुलासा करना था तो एक साल पहले करते। लेकिन, अब यादव बीजेपी की टीम बी बनकर ऐसे बयान दे रहे हैं। अब यादव न तो कांग्रेस के सदस्य हैं न ही कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हुए हैं। लिहाजा पार्टी को उनके बयानों से कोई मतलब भी नहीं।

पार्टी के दावे पर दामोदर के बयान ने लगाई मोहर- बीजेपी

मामले को लेकर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा कि दामोदर ने देर से ही सही, लेकिन दमदारी दिखाई। बीजेपी पहले दिन से ही कह रही थी कि विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने टिकट बेंचे। दामोदर यादव कमलनाथ के सबसे नजदीकी नेताओं में से एक रहे हैं। सिस्टम की उन्हें जानकारी अंदरूनी तौर पर रही है। कांग्रेस में टिकट प्राप्त करने के दो ही क्राइटेरिया हैं। पहला परिवार वाद तो दूसरा  पूंजी या सामंतवाद। कांग्रेस ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को मंडी बनाया। प्रदेश की जनता कांग्रेस के चरित्र को जानती है, लिहाजा कांग्रेस को घर बिठाने का काम किया।

दामोदर ने काटे थे वोट, कांग्रेस की हुई थी हार

बीते विधानसभा चुनाव में दामोदर ने दतिया जिले की सेवड़ा विधानसभा से आजाद समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था। तब कांग्रेस ने यादव का अचानक टिकट काट घनश्याम सिंह यादव को दिया था। यादव ने भोपाल में बड़े स्तर पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया था। साथ ही कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। दामोदर के चुनावी मैदान में होने कारण कांग्रेस सेंवढ़ा से हारी थी। दामोदर को 29042 वोट मिले। कांग्रेस को 41276 मत मिले। करीब 11 हजार के अंदर से कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी को जीत मिली। दामोदर कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष (पिछड़ा वर्ग कांग्रेस) समेत कई पदों पर रहे। दामोदर कमलनाथ के नजदीकी माने जाते थे।

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