आरएसएस वर्सेस सेवादल: कौन किस पर भारी! राहुल गांधी के पायलट प्रोजेक्ट में हुई सेवाभाव की सियासी एंट्री


राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। नए सिरे से जमीन तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश के विदिशा से शुरू हो रहे राहुल गांधी के पायलट प्रोजेक्ट में सेवाभाव को लेकर सियासी एंट्री हुई है. बीजेपी ने प्रोजेक्ट पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए सवाल उठाए हैं कि आरएसएस की तोड़ के लिए कांग्रेस सेवादल और इसके जरिए सेवा के कैंप व शिविर लगाने का प्रोजेक्ट लेकर आई थी. इस नई प्लानिंग का हाल भी सेवादल की तरह होगा. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को सेवादल के सेवाभाव को सीखने और अगले चुनावों में सियासी जमीन बचा पाने को लेकर नसीहत दी है.

डेडीकेशन और राष्ट्र के प्रति समर्पण होना जरूरी

मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता उमाशंकर गुप्ता ने राहुल गांधी के विदिशा प्रोजेक्ट पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा- राहुल गांधी के बारे में क्या जहा जाए. आलू से सोना और सोना से आलू बनाते हैं. क्या कहेंगे और क्या करेंगे, ये राहुल गांधी को ही नहीं पता लगता. कांग्रेस के दिमाग में न क्षेत्र, न देश का विकास और न ही गरीबों के कल्याण की भावना है. ऐसे प्रोजेक्टस का ही परिणाम है कि कांग्रेस एक-दो प्रान्त तक सिकुड़ गई है. आरएसएस की तर्ज पर सेवादल बनाने, कैम्प लगाने, शिविर लगाने का क्या हुआ. सेवा के लिए दिल में भावना, डेडीकेशन और राष्ट्र के प्रति समर्पण होना जरूरी है.

अगले चुनाव में बीजेपी को समझ आ ही जाएगा

वहीं पूर्व गृहमंत्री के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि सेवादल की सेवा भावना अद्भुत है. सेवादल जन सेवा में जुटा हुआ है. सेवादल की इस सेवा को बीजेपी समझे तब तो उसे पता चले. वैसे ही राहुलजी का पायलट प्रोजेक्ट क्या है यह अगले चुनाव में बीजेपी को अच्छे से समझ आ ही जाएगा. विधानसभा और लोकसभा चुनाव कांग्रेस एक तरफा फतह करेगी.

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