इंदौर में देवी अहिल्या की पुण्यगाथा पर नाट्य मंचन: CM डॉ. मोहन ने कहा- आदर्श बहू के साथ सक्षम शासक की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया


हेमंत शर्मा, इंदौर। लता मंगेशकर ऑडिटोरियम में देवी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी के अवसर पर आयोजित नाट्य मंचन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। सीएम ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की अद्वितीय शासन शैली और सुशासन की मिसाल को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने न केवल मालवा में सुशासन स्थापित किया, बल्कि उनकी दृष्टि ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी समृद्ध किया। 

देवी अहिल्याबाई दुनिया के लिए प्रेरणादायक

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं मां अहिल्या की नगरी में आकर गर्व महसूस कर रहा हूं। देवी अहिल्याबाई ने जिस अद्भुत तरीके से शासन चलाया, वह केवल मालवा ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया के लिए प्रेरणादायक है। उनके शासन में नैतिकता और जनकल्याण का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है।” 

सीएम बोले- देवी अहिल्याबाई आदर्श बहू के साथ सक्षम शासक भी थीं

मुख्यमंत्री ने देवी अहिल्याबाई के जीवन के विविध पक्षों को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई केवल एक आदर्श बहू नहीं थीं, बल्कि वे एक सक्षम शासक भी थीं, जिन्होंने अपनी दूरदृष्टि और कुशल प्रबंधन से समाज को सुशासन का संदेश दिया। उनकी सास गौतमी बाई ने उन्हें परिवार और राज्य दोनों की जिम्मेदारियां सौंपी और अहिल्याबाई ने उन्हें बखूबी निभाया।

समाज में नैतिक मूल्यों और सेवा भावना को प्रसारित किया

सीएम ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने सोमनाथ और काशी विश्वनाथ जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कर यह सिद्ध किया कि भारतीय संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी हैं। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई का योगदान केवल धार्मिक स्थलों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज में नैतिक मूल्यों और सेवा भावना को भी प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि आज का यह नाट्य मंचन हमें उनके जीवन के विविध पहलुओं से रूबरू कराएगा और यह हमारे लिए प्रेरणास्पद रहेगा।

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