BHOPAL SAMACHAR का असर, अतिशेष शिक्षक घोटाले के पीड़ितों से ऑनलाइन आपत्ति मांगी
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय के अंदर बैठे आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों को समझ में आ गया है कि, मनमानी अब ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री का संरक्षण काम नहीं आएगा। घोटाला की जानकारी हाई कोर्ट तक जाने लगी है। इसलिए अब डीपीआई भोपाल में सुनवाई शुरू हो गई है। आपको याद होगा 16 तारीख को अपन ने भोपाल समाचार में “अतिशेष शिक्षक घोटाला” प्रकाशित किया था। 17 तारीख को इस मामले के लिए स्पेशल विंडो ओपन कर दी गई है।
मामला क्या है
खबर का क्या असर हुआ
उपरोक्त समाचार का यह असर हुआ कि स्कूल शिक्षा विभाग में ट्रांसफर की तारीख बदल दी गई है। पहले लास्ट डेट 16 MAY थी। अब ऑनलाइन आवेदन की लास्ट डेट 21 MAY कर दी गई है। इससे पहले अतिशेष शिक्षक घोटाला से पीड़ित शिक्षकों से स्कूल शिक्षा विभाग के न्यू एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर आपत्ती आमंत्रित की गई है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा अपने समर्थक शिक्षकों और अधिकारियों के माध्यम से एक मैसेज व्हाट्सएप पर अन्य शिक्षकों तक पहुंचा जा रहा है, इसमें लिखा है कि:-
…वर्ना न्यायालय में कोई आपकी सुनेगा नहीं
जिन कर्मचारियों साथियों को अतिशेष, स्थानांतरण अन्य बिंदुओं पर पोर्टल संबंधी कोई समस्या है या विद्यालय में आपके रहते हुए आपके विषय का पद बलात रूप से दूसरे शिक्षक के द्वारा भरा गया है जिससे आप अतिशेष हो गए हैं। तो अपनी समस्या से संबंधित विस्तृत अभ्यावेदन स्कूल शिक्षा विभाग नवीन पोर्टल 3.0 पर दर्ज करा सकते हैं क्योंकि न्यायालय के आदेश के क्रम में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अपने ऑनलाइन पोर्टल 3.0 पर अब शिकायत दर्ज करने का ऑप्शन अर्थात ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का आप्शन उपलब्ध करा दिया गया है क्योंकि ज्यादातर अभ्यावेदन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा हो रहे थे जबकि वहां से इस विषय-वस्तु का समाधान नहीं हो पा रहा था तो फिर अब विभाग द्वारा ऑनलाइन शिकायत आप्शन उपलब्ध करा दिया गया है अतः खुलकर शिकायत करें ; विस्तृत शिकायत करें जिससे आपके समस्त दावे, आपत्ति निराकृत हो सकें। वर्ना न्यायालय में कोई आपकी सुनेगा नहीं यह कह दिया जाएगा विभाग द्वारा कि; आप से जब आवेदन मांगा गया था तो आपने जमा क्यों नहीं किया इसीलिए इस मौके को जाने नहीं दे ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कारयें खुलकर कारयें बिना डर भय के करें।
क्या वह हाईकोर्ट में पोल खुलने से डर गए हैं या फिर कोई इंटरनल पॉलिटिक्स है, अथवा यह मैसेज भी कोई साजिश है, यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा परंतु फिलहाल समाचार इतना है कि, सुनवाई शुरू हो गई है।
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