Police Custody में बंद कैदियों से मिलने का अधिकार वकील को किस कानून के तहत मिला है, जानिए
पुलिस Custody में बंद कैदियों को का सम्मान किया जाना चाहिए, जिसमें गरिमा, सम्मान, और सुरक्षा शामिल है। कैदियों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।एवं कैदियों को उचित भोजन और आश्रय प्रदान किया जाना चाहिए साथ ही कैदियों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। क्योंकि Police Custody में बंद कैदी को अपराधी नहीं माना जाता है जब तक कोई अपराध साबित न हो जाए।
Madhya Pradesh Police Regulation Number 624 की परिभाषा
1. बंदियों को अपने Advocate या प्रतिनिधियों से मिलने का अधिकार है।
2. वकील को बंदी से मिलने के लिए थाने के प्रभारी अधिकारी (Officer-in-charge) को बताना होगा।
3. मिलने वाले Advocate या प्रतिनिधि (Representative) को थाने के कार्य-प्रणाली के नियमों का ध्यान रखना होगा।
Example :-
एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और वह अपने वकील से मिलना चाहता है। वकील को थाने के थाना प्रभारी से अनुमति लेनी होगी और अधिकारी अनुमति देने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि इससे थाने के कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी।
“यह नियम बंदियों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें अपने वकील या प्रतिनिधियों से मिलने का अवसर प्रदान करता है, जबकि साथ ही थाने के कार्य-प्रणाली को भी सुनिश्चित करता है। लेखकबी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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