‘विजय शाह को फायदा पहुंचाने की कोशिश’, मंत्री पर FIR मामले में HC की तल्ख टिप्पणी, जांच की निगरानी करेगी हाईकोर्ट
कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह पर एफआईआर मामले में हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश जारी हुआ है। कोर्ट ने 4 पन्नों के आदेश में तल्ख टिप्पणियां की है। न्यायालय ने कहा कि ऐसी गलतियां की गईं, जिससे भविष्य में FIR रद्द हो जाए। विजय शाह को फायदा पहुंचाने की कोशिश हुई है।
कमजोर FIR करना राज्य की ओर से घोर छल-कपट- हाईकोर्ट
जबलपुर हाईकोर्ट ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज FIR पर विस्तृत आदेश जारी कर तल्ख टिप्पणी की है। 4 पन्नों के आदेश में हाइकोर्ट ने कहा कि ऐसी गलतियां की गईं जिससे भविष्य में FIR रद्द हो जाए। कानूनी कार्रवाई के लिए एफआईआर में भौतिक विवरण की कमी है। कमजोर FIR करना राज्य की ओर से घोर छल-कपट है।
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हाईकोर्ट करेगी जांच की निगरानी
भविष्य में हाईकोर्ट ये पता लगाने की कोशिश करेगी। कोर्ट ने पूछा कि इस अनाड़ी प्रयास के लिए पुलिस विभाग में कौन जिम्मेदार है ? वहीं हाईकोर्ट ने कहा है कि छल-कपट को खत्म करने FIR में HC का पूर्व आदेश जोड़ा जाए। निगरानी नहीं की तो पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं करेगी। हालातों को देखकर HC जांच की निगरानी करेगी। जांच एजेंसी की स्वतंत्रता में दखल दिए बिना निगरानी होगी।
मंत्री विजय शाह ने दिया था ये बयान
दरअसल, इंदौर के महू में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने कहा था कि ‘पाकिस्तानियों ने हमारे देश के लोगों के कपड़े उतारे, लेकिन हमने उनकी समाज की बहन (कर्नल सोफिया कुरैशी) को भेजकर उनकी ऐसी तैसी करवा दी।’ विजय शाह ने आगे कहा था कि ‘आतंकियों ने कहा था मोदी को बताना कि उन्होंने हमारे हिंदुओं को मारा और उनके कपड़े उतारे। इसलिए मोदी जी ने उनकी बहन को हमारी सेना के जहाज में भेजा, ताकि वह उन्हें सबक सिखा सके।’
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हाईकोर्ट ने दिए थे FIR के निर्देश
मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई। कांग्रेस पार्टी ने चौतरफा हमला बोलते हुए इस्तीफे की मांग की। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी। वहीं इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए। जबलपुर HC के जस्टिस अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
इन धाराओं में दर्ज हुई है एफआईआर
इसके बाद इंदौर के महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विजय शाह के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की तीन गंभीर धाराओं – धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत दर्ज की गई है। इसके बाद विजय शाह हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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