फिल्म ‘फर्जी’ की तर्ज पर छापे नकली नोट: फेसबुक पर दिया अनोखा ऑफर, ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस, फिर आगे जो हुआ उसे देख आरोपियों के उड़े होश 


हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर की सड़कों पर जहां हर कोई अपने सपनों का पीछा कर रहा है, वहीं कुछ लोग शॉर्टकट की दुनिया में फरेब का जाल बुन रहे थे। फेसबुक पर आए एक ऐसा ही विज्ञापन ने पुलिस को चौंका दिया। जिसमें लिखा था “1 लाख के बदले 4 लाख”। यह कोई लॉटरी का टिकट नहीं था, बल्कि नकली नोटों का खेल था। 

एड देख पुलिस की चौधियां गई आंखें 

पलासिया पुलिस को जब यह ऐड दिखा, उनकी आंखें चौंधिया गईं। एक ऑफर, जो देखने में बेहद आकर्षक था, लेकिन इसकी चमक के पीछे था नकली नोटों का काला कारोबार। पुलिस ने तुरंत जाल बिछाया, खुद ग्राहक बनकर आरोपियों से संपर्क किया। सौदा पक्का हुआ और जैसे ही आरोपी नोट देने पहुंचे, उनकी फिल्मी दुनिया की कहानी का ‘क्लाइमेक्स’ शुरू हो गया। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें एक दीपक, जो इंदौर का निवासी है, और दूसरा जलगांव का रहने वाला। दोनों की जेबों में नहीं, बल्कि हाथों में 30 लाख रुपए के नकली नोट थे, जिन्हें वह असली बताकर बेचने की फिराक में थे।

पुलिस कर रही जांच 

जांच में खुलासा हुआ कि ये कोई मामूली ठग नहीं, बल्कि प्रिंटर और हाई-क्वालिटी कागज का इस्तेमाल कर नकली नोट छापते थे। पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है, जहां से और भी सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं होती। पुलिस अब इन दोनों से पूछताछ कर रही है कि क्या ये किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं? क्या इनके जाल में और लोग फंसे हैं? और क्या इस फरेबी नेटवर्क की जड़ें इंदौर से भी आगे फैली हैं? 

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फिलहाल, इंदौर पुलिस की सतर्कता और सूझबूझ ने इस फिल्मी साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। जल्दी बड़े खुलासे के दावे यहां पर पुलिस अधिकारी करते हुऎ नजर ए रहे हैं। हो सकता है इसके पीछे नकली नोट का कोई बड़ा स्कैंडल छिपा हुआ हो, जिसके लिए आरोपियों से लगातर पूछताछ की जा रही है। 

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