भोपाल की गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक: हर रोज कर रहे 60 से 80 शिकार, जेपी अस्पताल में बनाया गया स्पेशल क्लिनिक 


शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल के हर मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिल रहा है। कई कॉलोनियों की स्थिति ऐसी हो चुकी है, जहां मासूम बच्चे घर के बाहर तक नहीं खेल पा रहे है। ज्यादातर जो डॉग बाइट की घटना सामने आ रही है उसमें ये खूंखार कुत्ते बच्चों को अकेला देख निशाना बनाते हैं। पिछले एक महीने के आंकड़े उठाये तो लगभग 2500 डॉग बाइट्स के केस सामने आ चुके हैं,ये आंकड़ा मार्च और अप्रैल महीने का है। 

जेपी अस्पताल में स्पेशल क्लिनिक

तेजी से बढ़ रहे डॉग बाइट्स के मामलों के कारण जेपी अस्पताल प्रशासन ने  इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक शुरू कर दिया है। आवारा कुत्तों के लिए बच्चे और बुजुर्ग सबसे आसान शिकार होते हैं लिहाजा सबसे बड़ी संख्या में यही मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। अप्रैल के महीने में डॉग बाइट की सबसे ज्यादा घटनाएं 15 से 19 तारीख के बीच हुई। इस दौरान 730 के केस दर्ज किए गए। 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि गर्मी बढ़ने के कारण कुत्ते और भी ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। लिहाजा नगर निगम कमिश्नर ने बताया कि हमारा अमला अलर्ट मोड पर है। आवारा और आक्रमक कुत्तों को शहर की सीमा से बाहर पहुंचाने के साथ ही एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) में नसबंदी की जा रही है। रोज 90 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है और 1 साक में 25 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई। 

बड़े शहरों में डॉग बाइट की घटना

ग्वालियर महीने में 21 से 22 मार्च के बीच 555 मामले सामने आए

इंदौर में औसतन 300 के करीब मामले

जबलपुर 125, भोपाल 60 से 80 केस

सतना 84, खंडवा 64, सागर 14, छिंदवाड़ा 13, नर्मदापुरम 15, शहडोल 24, रतलाम 34, उज्जैन 40 

भोपाल के लगभग हर इलाके में आवारा कुत्तों के समूह हैं, लोगों में हमेशा इनका खौफ बना रहता है। भोपाल में एक नई अनेकों बार कुत्तों ने बुरी तरह मासूमों को घायल किया है। कई दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में तो बच्चों की मौत तक हो गई। इन परिस्थितियों में गर्मी के मौसम में बढ़ रही घटनाएं नगर निगम और प्रशासन के लिए एक वार्निंग अलार्म की तरह हैं इन आवारा कुत्तों से वाहन चालक भी खासे परेशान हैं। अक्सर चलती गाड़ियों के पीछे यह कुत्ते दौड़ते हैं और एक्सीडेंट हो जाता। दूसरी तरफ आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या भी निगम अभियान पर सवाल खड़े कर रहे है क्योंकि आवारा कुत्तों की संख्या पिछले कुछ सालों में आवारा कुत्तों की संख्या दोगुनी हो गई है। 

गर्मी में क्यों बढ़ी कुत्तों के काटने के मामले

अधिक गर्मी 

कुत्तों के शरीर का तापमान बढ़ने से वे बेचैन और चिड़चिड़े हो जाते हैं। राह चलते लोग अगर छेड़ते हैं तो वह हमला कर देते हैं। 

डिहाइड्रेशन

गर्मी में पानी की कमी से भी कुत्तों में आक्रामकता बढ़ सकती है। 

हीट स्ट्रोक 

अत्यधिक गर्मी कुत्तों में हीटस्ट्रोक का कारण बन सकती है, जिससे वे असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। 

हार्मोनल बदलाव 

गर्मी का दौर शुरू हो गया है। इन दिनों में शरीर का तापमान बढ़ने से कुछ कुत्तों में कोर्टिसोल हार्मोन तेजी से बढ़ जाता है, जिससे वे आक्रामक और चिड़चिड़े हो जाते हैं। जिससे आने जाने वालों पर हमला कर देते हैं। 

मौसम  

कुत्तों के शरीर की बनावट ऐसी होती है कि उन्हें पसीना नहीं आता है, इसलिए वे गर्मी से बचने के लिए अपना मुंह खोलकर वाष्पीकरण करते हैं। 

भूख 

गलियों में घूमने वाले कुत्ते हमेशा भूखे प्यासे होते हैं। कभी-कभी लोगों या बच्चों को कुछ खाते देख उनपर हमला कर देते हैं। 

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