Bandhavgarh Tiger Reserve: छोटा भीम के इलाके में ‘पुजारी’ का कब्जा, बाघिन ‘तारा’ का भी मिला प्यार, दो बाघों में चल रही थी वर्चस्व की लड़ाई 


उमरिया। बाघों की दुनिया बिल्कुल अलग होती है, अपनी टेरिटरी जिसे उनका साम्राज्य भी कह सकते हैं। उसे बनाने के लिए बाघ दिन प्रतिदिन मेहनत करता रहता है। एक ही टेरिटरी में दो नर बाघ नहीं रह सकते हैं, जबकि कई मादा बाघिन रह सकती हैं। बाघों की दुनिया में भी प्यार होता है, तकरार होती है, एक दूसरे के साम्राज्य को हड़पने के लिए युद्ध भी होते हैं, पिछले कुछ महीने से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में छोटा भीम के जाने के बाद जिस युद्ध की शुरुआत हुई थी, अब वो शांत हो चुकी है, या यूं कहें की पूरी फिल्म ही क्लाइमैक्स तक पहुंच चुकी है। यहां पुजारी बाघ को उसका प्यार मिल चुका है, रास्ते का कांटा तांडव बांधवगढ़ से दूर जा चुका है, और अब इस इलाके में पूरी तरह से शांति हो चुकी है। 

छोटा भीम को देखने पहुंचते थे पर्यटक 

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में छोटा भीम पर्यटकों का दुलारा, पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा प्रचलित था। कई पर्यटक तो सिर्फ और सिर्फ छोटा भीम को ही देखने पहुंचते थे, छोटा भीम की आसानी से पर्यटकों को साइटिंग भी होती थी। लेकिन छोटा भीम जब घायल हुआ और उसे इलाज के लिए वन बिहार भेजा गया, वहीं उसकी मौत हो गई। इसके बाद छोटा भीम का साम्राज्य खाली हो गया। इसे हड़पने के लिए यहां कुछ बाघों के बीच में जंग की शुरुआत हुई। जिसका साइड इफेक्ट ये देखने को मिल रहा था कि छोटा भीम के साथ फेमस बाघिन जो तारा रहती थी उसके बच्चों की मौत होने लगी। बाघ उसके शावकों को मारने लगा था, आए दिन यहां से तारा के शावकों के मरने की खबरें आ रही थीं। पुजारी और तांडव जैसे बाघों के मूवमेंट बढ़ चुके थे, जिस इलाके में शांति ही शांति हुआ करती थी वो इलाका बाघों की दहाड़ से गरजने  लगा था।

पुजारी और तांडव में थी साम्राज्य की लड़ाई

दरअसल एक ही टेरिटरी में दो नर बाघ कभी भी साथ नहीं रह सकते हैं। इसका असर भी छोटा भीम का साम्राज्य खाली होने के बाद देखने को मिल रहा था।  छोटा भीम के साम्राज्य में अधिकार जमाने के लिए पुजारी लगातार लगा हुआ था, और ज्यादातर छोटा भीम के ही टेरिटरी में नजर आता था, और इस समय तांडव नाम के नए बाघ की एंट्री पुजारी के टेरिटरी में हुई थी। इस दौरान दोनों बाघों के बीच वर्चस्व के लिए जबरदस्त फाइटिंग भी देखने को मिल रही थी।   

छोटा भीम के इलाके में पुजारी ने जमाया अपना कब्जा

छोटा भीम के इलाके में इन दिनों शांति ही शांति है, अब ना किसी शावक के मरने की खबरें आ रही हैं, न बाघों के गुस्से वाले दहाड़ने की आवाजें आ रही हैं, ना बाघों के बीच फाइटिंग हो रही है, अब यहां प्यार का पैगाम ही देखने और सुनने को मिल रहा है। छोटा भीम की जो टेरिटरी हुआ करती थी, उस टेरिटरी को पुजारी ने पूरी तरह से कवर कर लिया है। अब वो अपने पुराने टेरिटरी और छोटा भीम की टेरिटरी दोनों को मिलाकर खुद की टेरिटरी बना चुका है।

आखिर पुजारी को ही मिला तारा का प्यार

छोटा भीम के साम्राज्य में अपना आधिपत्य जमाने के साथ ही आखिरकार पुजारी की जीत हुई, और पुजारी को तारा का प्यार भी मिल चुका है। वैसे तो तारा छोटा भीम की फीमेल थी। वो हमेशा उसके साथ ही रहती थी। तारा भी छोटा भीम की तरह बांधवगढ़ की पॉपुलर बाघिन है, पर्यटकों के बीच काफी प्रचलित भी है। लेकिन अब छोटा भीम की टेरिटरी में भी काफी संघर्ष, अशांति और अपनों को खोने के बाद तारा ने भी पुजारी के प्यार को स्वीकार कर लिया है। अब तो पुजारी अपने साम्राज्य में दो रानियों के साथ राज कर रहा है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खेतौली रेंज के परिक्षेत्र अधिकारी स्वस्ति श्री जैन बताते हैं कि “पुजारी इन दिनों अपनी नई फीमेल तारा और पुरानी फीमेल काटीवाह दोनों के साथ देखने को मिल रहा है।”

तांडव को भेजा गया माधव टाइगर रिजर्व 

बांधवगढ़ में तांडव नाम का बाघ जो की बहुत ही ताकतवर और खतरनाक किस्म का बाघ था, बाघिन के बच्चों को चुन-चुन कर मारता था, और पुजारी के साथ इसकी जबरदस्त फाइटिंग चल रही थी। उसे माधव टाइगर रिजर्व को आबाद करने के लिए भेज दिया गया है, जहां तांडव अपनी नई टेरिटरी स्थापित कर सकेगा, अपना नया साम्राज्य बना सकेगा, अब उसे अपनी टेरिटरी बनाने के लिए किसी बाघ से अभी फाइट नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि वहां इसके लिए अभी जगह जगह है, और इस तरह से पुजारी के साथ तांडव का खूनी संघर्ष भी टल गया।

पुजारी के टक्कर में अब कोई नहीं

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खेतौली रेंज के अफसर बताते हैं कि अब पुजारी ने अपनी टेरिटरी को बढ़ा लिया है, और अब उसके एरिया में कोई भी डोमिनेंट मेल बाघ नहीं है, छोटा भीम और तांडव के जाने के बाद अब इस क्षेत्र में पुजारी का एक छत्र राज्य है, जहां पुजारी के लिए अब कोई भी संकट नहीं है। इस क्षेत्र में पर्याप्त भोजन है, टाइग्रेस की भी कमी नहीं है, पानी की भी कमी नहीं है मतलब पुजारी के लिए अब यहां शांति ही शांति है। पुजारी की उम्र 7 से 8 साल की होगी, बहुत ताकतवर बाघ है, लेकिन सबसे बड़ी बात बहुत शांत बाघ है, जबकि तांडव जैसा नाम था, वैसे ही खतरनाक था। लेकिन पुजारी उसके विपरीत बहुत ही शांत है, पुजारी और छोटा भीम दोनों भाई-भाई थे ये दोनों भीम और महामन फीमेल के संतान हैं, और पर्यटक फ्रेंडली भी हैं। 

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