BNSS- 220, क्या लड़की की तरफ से मौसी, बुआ या मामा दहेज एक्ट का केस दायर करवा सकते हैं, जानिए


जब कोई महिला अपने सुसराल में Husband द्वारा या उसके नातेदार द्वारा प्रताड़ित (Harassing) होती है या उसे दहेज के लिए परेशान किया जाता है, तब BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023 की धारा 85 के अंतर्गत मामला दर्ज होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि पीड़ित महिला (Victim woman) किसी कारण थाने में Complaint करने नहीं जा पाती है तब क्या Dowry Victim woman के स्थान पर उसका कोई Relative थाने या Court में जाकर मामला दर्ज करवा सकता है। पढ़िए:-

BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA, 2023 की धारा 220 की परिभाषा 

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 85 के अधीन अपराधों का अभियोजन (Prosecution of offences under Section 85 of the Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) – कोई भी  Court BHARATIYA NYAYA SANHITA की धारा 85 के अधीन संज्ञान जब लेगा तब:-

1. तथ्यों (Facts) की पुलिस रिपोर्ट दी गई है। या

2. पीड़ित महिला (Victim woman) द्वारा डायरेक्ट न्यायालय में परिवाद दायर किया गया हो।

लेकिन किसी कारणवश पीड़ित महिला मामला दायर करने में सक्षम नहीं है तब Court की मंजूरी से निम्न में से कोई भी व्यक्ति पीड़ित महिला के पक्ष में मामला दायर कर सकता है:-

जैसे कि माता-पिता, भाई-बहन, मामा, बुआ, चाचा, या दत्तक भाई या रक्त से संबंधित कोई भी व्यक्ति के परिवाद पर न्यायालय संज्ञान ले सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।  

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