INDORE की हाई प्रोफाइल फैमिली में लव जिहाद, शादी के 14 साल बाद नमाज और रोजे की शर्त


यह समाचार उन लोगों को अलर्ट करता है जिन्हें लगता है कि, हाई प्रोफाइल परिवारों में ऐसा बिल्कुल नहीं होता या फिर जो विश्वास करते हैं कि जैसे आमेर की राजकुमारी को जीवन भर धर्म की स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी, वैसे ही उन्हें भी होगी। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक हाई प्रोफाइल फैमिली में लव जिहाद कांड हो गया। शादी के 14 साल बाद पति ने पत्नी पर अपने धर्म को बदलने का दबाव बनाया और जब पत्नी नहीं मानी तो उसे घर से निकाल दिया। 

समीर मीर, भवंस प्रॉमिनेंट स्कूल, इंदौर के चेयरमैन 

पति का नाम समीर मीर है, जो इंदौर में भवंस प्रॉमिनेंट स्कूल के चेयरमैन है। गुरुवार रात में एमआईजी थाना पुलिस ने मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोपी समीर मीर की पत्नी ने उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने, धमकी देने और घरेलू उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। तुलसी नगर निवासी पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी समीर मीर से साल 2006 में हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी। शादी के बाद उनके दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं।

पीड़िता ने बताया किए करीब 4 साल पहले समीर के व्यवहार में बदलाव आने लगा। वह नमाज पढ़ने लगे और उन्होंने अपना पहनावा भी पूरी तरह बदल लिया। इसके बाद उन्होंने मुझ पर भी नमाज पढ़ने और इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। समीर पर घर में रखी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां फेंकने का भी आरोप है।

बात नहीं मानी तो घर से निकाला

पीड़ित का आरोप है कि जब उसने समीर की बात नहीं मानी, तो साल 2020 में उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद वह निपानिया इलाके में रहने लगी। पीड़िता का कहना है कि समीर कई बार उससे मिलने आया और हर बार इस्लाम कबूलने का दबाव बनाया।

साल 2024 में दोनों के बीच एक बार समझौता भी हुआ, इसलिए पुलिस में इसकी शिकायत नहीं की। लेकिन बाद में समीर ने धर्म परिवर्तन को उसकी शर्त बना दिया, जिसे पीड़िता ने अस्वीकार कर दिया।

परेशान होकर थाने में की शिकायत

पीड़िता का आरोप है कि 13 मार्च 2025 को समीर ने फिर से उनके घर जाकर धमकी दी। जिसके बाद दोनों के बीच लगातार विवाद होते रहे। जिससे परेशान होकर पीड़िता ने गुरुवार रात एमआईजी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने समीर मीर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 296, 115(2), 351(3) एवं मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3/5 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।

पीड़िता ने पुलिस को शादी के दौरान के फोटोग्राफ भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए, जिनमें कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक नेता भी उपस्थित थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने देर रात एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है।

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