साइबर ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश: 10 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन, 160 म्यूल अकाउंट फ्रीज, बैंक के असिस्टेंट मैनेजर समेत 6 आरोपी गिरफ्तार


अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में राष्ट्रीय ऑनलाइन साइबर अपराध करने वाले रैकेट का खुलासा किया है। आरोपी देशभर में फर्जी बैंक खाते खोलकर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे। अब तक की जांच में करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन सामने आए हैं। 

160 से ज्यादा म्यूल अकाउंट्स फ्रीज 

पुलिस ने 160 से ज्यादा म्यूल अकाउंट्स को फ्रीज होल्ड कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने अब तक आदित्य मिश्रा, ऋषि चौधरी, चंदन पंडित उर्फ दीपक, रोहित चौधरी, एक्सिस बैंक के असिस्टेंट मैनेजर विकास साहू समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े आरोपियों में शामिल असिस्टेंट मैनेजर इस नेटवर्क को फर्जी खाते खोलने में सहयोग कर रहा था।

गूगल पे का एजेंट बताकर लिए दस्तावेज और फिंगरप्रिंट

दरअसल, बुढ़ार थाना क्षेत्र के निवासी कैफे संचालक हिरेन्द्र विश्वकर्मा और उसके पार्टनर अभिषेक ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि आदित्य मिश्रा और ऋषि चौधरी नाम के दो व्यक्तियों ने खुद को गूगल पे का एजेंट बताकर उनके दस्तावेज और फिंगरप्रिंट लिए और चले गए। बाद में पता चला कि उनके नाम से NSDL पेमेंट बैंक व फिनो बैंक में फर्जी खाते खोले गए हैं। इन खातों को ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों को बेच दिया गया था। 

10,000 रुपये प्रति खाता का देते थे लालच 

हिरेन्द्र और उसके पार्टनर अभिषेक की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। पूछताछ में जो उन्होंने बताया, उसे जानकर पुलिस भी हैरान रह गई। आरोपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि वह टेलीग्राम के जरिए अज्ञात लोगों से जुड़ा और 10,000 रुपये प्रति खाता के बदले फर्जी खाते खोलकर देता था। 

गांव के भोले भाले लोगों को बनाते थे निशाना 

आरोपी गांव के भोले-भाले लोगों को पैसे का लालच देकर उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और फिंगरप्रिंट लेकर यह काम करता था। उसके इस षड्यंत्र में एक्सिस बैंक का असिस्टेंट मैनेजर विकास साहू भी शामिल था। आरोपी चंदन पंडित उर्फ दीपक ने ऋषि चौधरी और रोहित चौधरी के माध्यम से खातों की जानकारी टेलीग्राम आईडी पर भेजी थी। NSDL पेमेंट बैंक,फिनो बैंक,कोटक महिंद्रा बैंक,एक्सिस बैंक,एयरटेल पेमेंट बैंक, इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में खाते खोले गए। 

देशभर के कई राज्यों से ट्रांसफर हुई ठगी की रकम

कई खातों में माता-पिता का नाम एक जैसा पाया गया। ट्रांजेक्शन की अधिकतम सीमा 10 लाख से 50 लाख रुपये तक पहुंच गई। अधिकांश ट्रांजेक्शन UPI और कैश के माध्यम से किए गए। कई खाताधारकों को इन खातों की जानकारी तक नहीं थी। अब तक देशभर के कई राज्यों से इन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर होने की पुष्टि हुई है। 

एनसीआरपी पोर्टल से संपर्क कर पुलिस ने और भी जानकारी जुटाई तो पता लगा कि अब तक करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन किए गए हैं। पुलिस ने 160 से अधिक म्यूल अकाउंट्स को फ्रीज होल्ड कर दिया है। साइबर अपराध के मामले में धारा 111(2)(ख) BNS की वृद्धि की गई है।

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