BHOPAL NEWS – वृंदावन ढाबा की खिचड़ी में मक्खी, ग्राहक को ₹15000 मुआवजा का आदेश


ऑनलाइन फूड डिलीवरी से आर्डर करने पर ज्यादातर रेस्टोरेंट संचालक निश्चित हो जाते हैं। ग्राहक जब शिकायत करता है तो सुनने को तैयार नहीं होते। आर्डर लेने वाली और डिलीवरी करने वाली कंपनी से बात करने के लिए कहने लगते हैं। वृंदावन ढाबे वाले ने भी ऐसा ही किया था। माफी मांग लेता तो आज न्यूज़ हेडलाइंस में ना होता है। उपभोक्ता फोरम ने ₹15000 मुआवजा देने का आदेश दिया है। 

अभिषेक दीक्षित मैं वृंदावन ढाबे वाले को सबक सिखाया

मामला 25 मई 2024 का है। गौतम नगर निवासी अभिषेक दीक्षित ने रात करीब 10:35 बजे स्विगी से बटर खिचड़ी और लस्सी का ऑर्डर दिया था। ऑर्डर आने पर पार्सल खोलने से पहले ही पारदर्शी पैकिंग में खिचड़ी में मरी हुई मक्खी दिखाई दी। अभिषेक ने फौरन स्विगी से ईमेल और चैट के जरिए इसकी शिकायत की। जवाब में स्विगी ने कहा कि उन्होंने होटल को भुगतान कर दिया है और अब यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है। शिकायत पर कोई समाधान नहीं मिलने पर अभिषेक ने उपभोक्ता फोरम में केस किया।

खाना खराब निकला तो रेस्टोरेंट वाला जिम्मेदार

पूरे मामले की सुनवाई भोपाल उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य डॉ. प्रतिभा पांडेय ने की। अपने फैसले में उन्होंने कहा कि खाने में मरी हुई मक्खी मिलना होटल की लापरवाही है। वहीं, स्विगी सिर्फ खाना पहुंचाने का एक माध्यम है, इसलिए उसकी जवाबदारी नहीं बनती।

2 महीने के अंदर मुआवजा देना होगा

फरियादी अभिषेक दीक्षित के वकील अथर्व मुंझे ने बताया कि उपभोक्ता फोरम ने होटल को आदेश दिया कि वह 2 महीने के अंदर ऑर्डर की राशि 130 रुपए वापस करें। इसके साथ ही 10 हजार रुपए मानसिक कष्ट और सेवा में कमी के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में दे। भुगतान न करने पर 9% वार्षिक ब्याज देना होगा। होटल को 5 हजार रुपए लीगल कॉस्ट के रूप में भी जमा कराने होंगे। 

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