Yes Bank के खाताधारक यह समाचार जरुर पढ़ें, 12 करोड़ का मामला है
ऐसा अक्सर होता है, प्राइवेट बैंक के कर्मचारी अक्सर खाता धारकों के साथ व्यक्तिगत व्यवहार बना लेते हैं। कभी-कभी अपना टारगेट पूरा करने के लिए किसी दूसरी ब्रांच में आपका एक और अकाउंट ओपन करते हैं और विश्वास दिलाते हैं कि 3 महीने या 6 महीने के बाद आपका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा। बैंक का अधिकारी है, व्यवहार बन जाएगा तो काम आएगा, यह सोचकर कई लोग मदद कर देते हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा में ऐसे 44 मददगार सामने आ चुके हैं। उनके बैंक अकाउंट से 12 करोड रुपए गायब हो गए।
Yes Bank Banswara कांड कैसे हुआ है
यह ठगी या धोखाधड़ी का बिल्कुल नया तरीका है। बैंक के अधिकारियों ने येस बैंक के खाता धारकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए। उसके बाद अपनी या किसी दूसरे व्यक्ति की नौकरी को खतरे में बात कर, खाताधारक को इमोशनल किया और फिर मदद के नाम पर सिर्फ एक अकाउंट खोलने के लिए कहा जिसे बाद में बंद कर दिया जाएगा। लोगों ने मदद कर दी। निश्चित समय के बाद खाते को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। बैंक के अधिकारियों ने चेक बुक और एटीएम कार्ड वापस ले लिया। फार्म पर हस्ताक्षर करवा लिए। खाताधारक इस भरोसे में था कि, उसका बैंक अकाउंट क्लोज हो गया है। जबकि बैंक के अधिकारियों ने उसकी चेक बुक का इस्तेमाल करके, उनके दूसरे बैंक अकाउंट से फंड ट्रांसफर कर दिए। अब तक टोटल 44 लोगों ने आपका अधिक मामला दर्ज करवाया है और 12 करोड रुपए की धोखाधड़ी सामने आ चुकी है।
पुलिस रिकॉर्ड में आरोपियों के नाम
मेगनेश जैन, डिप्टी मैनेजर, बांसवाड़ा ब्रांच एवं मास्टरमाइंड।
दिव्यांशु सिंह, बैंक का पुराना कर्मचारी एवं 10 अन्य कर्मचारी।
इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर – सीआई देवीलाल मीणा।
मेगनेश जैन और दिव्यांशु सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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