मुरैना की महापौर को हाईकोर्ट से बड़ी राहत: FIR दर्ज करने समेत सभी कार्रवाइयों को खत्म करने का आदेश, ये है पूरा मामला


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट ने मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने चुनाव में फर्जी मार्कशीट लगाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के आदेश को खारिज कर दिया है। साथ ही इससे जुड़ी सभी कार्रवाईयों को भी खत्म करने के आदेश दिए है।

दरअसल, मुरैना की मेयर शारदा सोलंकी की फर्जी मार्कशीट के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने 30 सितंबर 2024 को फर्जी अंक सूची के संबंध में आदेश पारित करते हुए FIR दर्ज करने के लिए आदेश दिया था। उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

इस मामले में कोर्ट में अहम सुनवाई के दौरान शारदा सोलंकी के अधिवक्ता यश शर्मा ने कोर्ट को बताया कि महापौर का चुनाव लड़ने के लिए जो नियम है उसके तहत 25 वर्ष उम्र और मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी होता है।

दसवीं की मार्कशीट को चुनाव में आधार नहीं बनाया जा सकता। इस ग्राउंड पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के दिये FIR के आदेश को खारिज किया है। साथ ही इस मामले से जुड़ी सभी कार्यवाईयों को की खत्म करने का आदेश दिया है।

आपको बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही मीना जाटव ने महापौर शारदा सोलंकी की मार्कशीट और जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वह कोर्ट में जाति प्रमाण पत्र गलत होने की जानकारी तो साबित नहीं कर पाई लेकिन दसवीं की अंकसूची में गड़बड़ी की सूचना सामने आई।

महापौर ने जिस स्कूल से 1986 में दसवीं पास करने का दावा किया था वहां के स्कूल प्रबंधन ने बताया कि उनके यहां उस वर्ष इस नाम की किसी स्टूडेंट ने प्रवेश नहीं लिया था। आईटीआई के तहत सामने आया की शारदा सोलंकी की मार्कशीट में जो रोल नंबर दिया गया है वह किसी अन्य का है। इसी मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने FIR का आदेश दिया।

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