भोपाल-इंदौर का बदलेगा भूगोल: Bhopal बनेगा भोजपाल मेट्रोपॉलिटन सिटी! इंदौर कहलाएगा अवंतिका महानगर!


राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। देश के प्रमुख महानगरों की तर्ज पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर अब महानगर बनने जा रहे हैं। भोपाल महानगर भोपाल के साथ आसपास के अन्य चार जिलों के हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा तो इंदौर महानगर पूरे इंदौर जिले के साथ अन्य चार जिलों को मिलाकर गठित होगा। सरकार ने मप्र मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025 का ड्राफ्ट तैयार की मंजूरी दे दी है।

सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश पर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ड्राफ्ट तैयार कर रहा है, जो अलगे हफ्ते तक मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को भेज दिया जाएगा। सरकार की तैयारी है कि विधानसभा के मानसून सत्र में एक्ट के मसौदे को पेश कर दिया जाए। इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, जबकि भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी कर दी गई है। दोनों शहरों के विकास का जिम्मा मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी का होगा। इंदौर महानगर की प्लानिंग में में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर वाले एरिया को जोड़ा गया है, इससे उद्योग और व्यापार को पंख लगने की उम्मीद है।

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भोपाल महानगर में भोपाल जिले की पूरी सीमा के साथ सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिले के एरिया शामिल किए जाएंगे। भोपाल विकास प्राधिकरण को मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलप करने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। इन जिलों का कितना क्षेत्रफल भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में शामिल होगा, कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया गया है, जो जून में ओपन होगा।

भोजपाल महानगरीय क्षेत्र हो सकता है नाम

भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए तीन नाम सुझाए गए हैं। जिनमें भोजपाल महानगरीय क्षेत्र, मप्र राज्य राजधानी क्षेत्र और भोपाल महानगरीय क्षेत्र शामिल हैं।

इंदौर में 5 जिलों के 1756 गांव होंगे शामिल

इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में पांच जिले इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल किया जा रहा है। कुल क्षेत्रफल करीब 9 हजार वर्ग किमी का होगा और आबादी करीब 55 लाख के करीब होगी।

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महानगर का ड्राफट तैयार करने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया है। आईडीए ने डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्त कर ली है। मेट्रोपॉलिटन एरिया को 4 चरणों में डेवलप किया जाना है, जिसमें इंसेप्शन, सिचुएशन एनालिसिस, रीजनल एवं इन्वेस्टमेंट प्लान और डीपीआर शामिल हैं। इसके पहले चरण यानी इंसेप्शन का काम पूरा हो चुका है यानी ये तय हो गया है कि मेट्रोपॉलिटन एरिया का कुल क्षेत्रफल कितना होगा। इनमें कौन-कौन से जिले शामिल होंगे।

यह होगा लाभ

इंदौर महानगर से देवास, पीथमपुर, उज्जैन और बदनावर जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, सभी शहरों के बीच मजबूत सड़क, रेल और हवाई सेवा शुरू होगी। सिंहस्थ आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

इंदौर के लिए इन तीन नामों का विकल्प

इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए तीन नामों का विकल्प है। इनमें अवंतिका महानगरीय क्षेत्र, मालवा महानगरीय क्षेत्र और इंदौर-उज्जैन महानगरीय क्षेत्र शामिल है। हालांकि फाइनल नाम मेट्रोपॉलिटन एक्ट बनने के बाद तय होगा।

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दोनों शहरों को मेट्रोपॉलिटन रीजन में डेवलप करने के लिए सरकार को नया कानून बनाना पड़ेगा। बैठक में मप्र मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025 का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को निर्देश दिए गए हैं। मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन भी होगा। मुख्यमंत्री अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे। यह अथॉरिटी मेट्रोपोलिटन एरिया का प्लान तैयार करने के साथ इसके क्रियान्वयन में अहम भूमिका अदा करेगी। साथ ही मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी का गठन भी होगा। ये समिति मेट्रोपॉलिटन रीजन में आने वाले विभिन्न प्राधिकरणए नगरीय निकायों व जिला पंचायतों के मध्य अधोसंरचना विकास एवं नई विकास योजनाओं में समन्वय का काम करेगी।

मेट्रोपॉलिटन एरिया बनने से भोपाल के साथ इंदौर महानगर में बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा। शहरों का विस्तार तो होगा ही यहां नए उद्योग और निवेश के बड़े अवसर पैदा होंगे। नई टाउनशिप, सड़कें, ब्रिज, लॉजिस्टिक पार्क के साथ अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित होंगी। प्लानिंग के तहत पर्यावरण संरक्षण होगा तो कृषि उत्पादों के लिए बड़े बाजारों की उपलब्ध्ता सरल होगी।

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