5 पॉकेट फॉर्मूला लगाकर इन्वेस्ट कीजिए, धमाकेदार दीवाली मन जाएगी


भारत में क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट करने वालों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा हो गई है। यह लगातार बढ़ती चली जा रही है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार 10 करोड़ में से 75% निवेशकों की उम्र 35 वर्ष तक कम है, लेकिन उनको मिले छप्पर फाड़ रिटर्न ने अंडर 50 वालों को भी आकर्षित किया है। यदि आप भी उन लोगों में से एक हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी में ट्राई करना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि आपका इन्वेस्टमेंट का फंडा क्या होना चाहिए। ताकि आप हाई रिटर्न भी ले सके और हाई रिस्क की स्थिति में लॉन्ग टर्म एप्रोच का संतुलन भी बना रहे।

भारत में लोग क्रिप्टो करेंसी की तरफ आकर्षित क्यों हो रहे हैं

किसी भी प्रकार की क्रिप्टो करेंसी को भारत में सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है परंतु भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध भी घोषित नहीं किया है। जब से सरकार ने क्रिप्टोकरंसी की कमाई पर टैक्स लगाया है तब से इन्वेस्टर की संख्या बढ़ गई है क्योंकि लोगों को लगता है कि आज टैक्स लगाया है, कल मान्यता भी दे देंगे। इसके अलावा दूसरा प्रमुख कारण यह है कि, भारत में सुरक्षित निवेश के माध्यम बहुत कम है। जहां सुरक्षा ज्यादा होती है वहां रिटर्न बहुत कम हो जाता है। बैंक में फिक्स डिपॉजिट पर बड़ी मुश्किल से 7% ब्याज मिल रहा है। सरकार ने सावरेन गोल्ड बॉन्ड बंद कर दिया है। सरकारी बचत योजनाओं में ब्याज की दर लगातार कम होती जा रही है। इन्वेस्टमेंट के कैलकुलेशन से घबराने वाले ज्यादातर सरकारी कर्मचारी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। क्योंकि वह टेलीविजन से प्राप्त जानकारी पर ही डिपेंड रहते हैं। लेकिन मल्टीनेशनल कॉरपोरेट कंपनियों में काम करने वाले युवाओं का मानना है कि, जब रिस्क लेना ही है तो म्यूचुअल फंड क्यों, क्रिप्टोकरेंसी क्यों नहीं। 

क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट में फाइव पॉकेट का क्या फंडा है

यह मुद्दे की बात है। 5 पॉकेट फार्मूला यानी बिल्कुल वही जैसा कि शेयर बाजार में किया जाता है। हाई रिस्क और हाई रिटर्न देने वाले टोकन, स्थिर रिटर्न देने वाली क्रिप्टोकरंसी और ऐसी क्रिप्टोकरंसी जिस पर आंखबंद करके विश्वास किया जा सके। इन सबको मिलाकर फाइव पॉकेट फार्मूला बनता है। उदाहरण के लिए आपके पहले पोर्टफोलियो में कुछ इस प्रकार का इन्वेस्टमेंट होना चाहिए। 

  • Tongtongcoin में 20% क्योंकि पिछले साल इसमें इन्वेस्ट किया गया एक रुपए साल के अंत में ढाई लाख रुपये बन गया था। इस साल भी जनवरी से अब तक सबसे हाई रिटर्न दे रही है। हालांकि हाई रिस्क भी है। 
  • PepeCat में 20% क्योंकि पिछले साल 12000% रिटर्न मिला है। जिसने ₹1 डाला था एक साल में उसका पैसा ₹12000 हो गया। यह भी हाई रिस्क और हाई रिटर्न है। 
  • इसके बाद Mantra, XRP, और Monero में से कोई दो कंपनियों में 20-20% क्योंकि यह एक स्थापित क्रिप्टोकरेंसीज़ है। इनके रिटर्न ना तो रॉकेट की तरह ऊपर जाते हैं और ना ही कभी क्रश करते हैं। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए Established Cryptocurrencies सबसे सही मानी जाती है। 
  • सबसे अंत में अपने इन्वेस्टमेंट का 20% डिजिटल गोल्ड यानी बिटकॉइन में लगाना चाहिए। यह एक ऐसी क्रिप्टोकरंसी है जिसे आप जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी बोल सकते हैं। 

फंडा यह है कि यदि हाई रिस्क हाई रिटर्न वाली कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन किया तो इसी साल धमाकेदार दीपावली मन जाएगी। यदि ऐसा नहीं भी हुआ तो दिल का दौरा नहीं पड़ेगा क्योंकि Established Cryptocurrencies, नुकसान की भरपाई कर देगी। यदि सबके पूर्वानुमान फेल हो गए और क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट भी डोनाल्ड ट्रंप हो जाए। आखिरी समय में अचानक यू टर्न मार जाए, तब भी चिंता की कोई बात नहीं। वह जो डिजिटल वर्ल्ड में 20 पैसा लगाया है, सारे झटके झेल लेगा। गोल्ड कैसा भी हो, हमेशा गोल्ड होता है, वह आपको बर्बाद नहीं होने देगा। 

डिस्क्लेमर: यह समाचार केवल जानकारी के लिए और इंटरनेट पर सबके लिए उपलब्ध विशेषज्ञों की राय शुमारी के आधार पर लिखा गया है। हम किसी भी व्यक्ति को किसी भी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्टमेंट करने अथवा नहीं करने के लिए प्रेरित नहीं कर रहे हैं। यह केवल एजुकेशन परपस से प्रकाशित की जा रही है। किसी भी प्रकार के निवेश का डिसीजन बनाने से पहले कृपया अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य करें। 

विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें।

शेयर बाजार एवं व्यापार से संबंधित अन्य समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करते हुए सबसे अंत में जाएं और POPULAR Category में Business-News पर क्लिक करें। समाचार, विज्ञापन एवं प्रतिनिधित्व पूछताछ के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम ईमेल के माध्यम से संपर्क करें।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *