दिग्विजय सिंह को पहलगाम से पहले बाबा रामदेव पर FIR चाहिए


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह भारतीय राजनीति में अपनी तरह के बिल्कुल अलग नेता है। जहां एक और पूरी दुनिया पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारत के साथ खड़ी है वहीं दूसरी ओर श्री दिग्विजय सिंह, बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग जोर-जोर से उठा रहे हैं। 

आप खुद देखिए दिग्विजय सिंह क्या कर रहे हैं


पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के तत्काल बात कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं ने X पर जो कुछ भी पोस्ट किया। दिग्विजय सिंह ने एक फॉलोअर के नाते वह सब कुछ रीपोस्ट कर दिया। इस औपचारिकता के बाद वह अपने एजेंडा में व्यस्त हो गए। उन्होंने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के शरबत देहात वाले बयान को अक्षम्य और अविश्वसनीय बताया है। फिर उन्होंने अपने एक पॉडकास्ट का प्रमोशन किया। फिर लोगों को यह बताया कि उनका धर्म सनातन है। फिर वक़्फ़ क़ानून में संशोधन का मुद्दा उठाया। इसके बाद फिर रामदेव के मुद्दे पर आ गए और सुबह 9:30 बजे तक रामदेव के मुद्दे पर बने रहे। इस बीच उन्होंने ना तो पहलगाम के हमलावरों को क्रूर हत्यारा बताया और ना ही उनके खिलाफ कार्रवाई में भारत के साथ बने रहने का ऐलान किया। 

किस दिशा में जा रहे हैं दिग्विजय सिंह

यह बात समझना मुश्किल होता जा रहा है कि दिग्विजय सिंह किस दिशा में जा रहे हैं। उनके द्वारा कोई बयान देने से या फिर X पर कोई पोस्ट कर देने से लोगों की उनके बारे में कोई मान्यता नहीं बनती है। वह किसी मामले में कितनी गंभीर है और कब केवल औपचारिकता पूरी करते हैं इस बात से उनकी छवि निर्धारित होती है। आज जबकि अमेरिका से लेकर सऊदी अरब तक पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है तब बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि, दिग्विजय सिंह पहलगाम के मामले में केवल औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि उनके विरोधी उन्हें आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखने वाला नेता बताते हैं तो, यह अवसर दिग्विजय सिंह स्वयं उन्हें देते हैं। 

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