HC का बड़ा फैसला: अपराध में शामिल गाड़ियों को राजसात करने का अधिकार कलेक्टर को नहीं, आबकारी अधिनियम की इस धारा को बताया असंवैधानिक


कुमार इंदर, जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जबलपुर खंडपीठ ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को अपराध में शामिल वाहनों को राजसात करने का अधिकार नहीं है. यह निर्णय खासकर आबकारी अधिनियम की धारा 47-A के संदर्भ में दिया गया, जिसे असंवैधानिक करार दिया गया है.

इस धारा के तहत अवैध शराब और अन्य मादक पदार्थों में पकड़ गए वाहनों को राजसात किया जाता था. लेकिन अब हाईकोर्ट ने ऐसे वाहनों को राजसात करने का अधिकार ट्रायल कोर्ट को सौंप दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने गोवंश अधिनियम 2004 के प्रावधानों को भी चुनौती योग्य बताया. जिसमें वाहनों को राजसात करने का प्रावधान है.

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बता दें कि सागर और नरसिंहपुर के निवासी राजेश विश्वकर्मा और रामपाल ने याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने की. वहीं याचिकाकर्ता के वकील विवेक रंजन ने इस निर्णय को महत्वपूर्ण बताया है. क्योंकि इससे कलेक्टरों के अधिकारों में कमी आएगी और न्यायालय की भूमिका को मजबूत किया जाएगा.

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