मोहन सरकार का बड़ा फैसला: अस्पताल से घर तक पार्थिक देह ले जाने के लिए मिलेगा शव वाहन, एयर एंबुलेंस सुविधा का होगा विस्तार


शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अस्पतालों से घर तक पार्थिक देह ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध कराया जाएगा। अस्पताल से पोस्टमार्टम, मृत्यु के मामलों में पार्थिव देह घर तक ले जाने के व्यवस्था होगी। यह व्यवस्था जिलों से शुरू होगी। इसके बाद विकास खण्ड और तहसील स्तर तक विस्तार होगा।

मंगलवार को सीएम डॉ मोहन यादव ने मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की बैठक कर स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से नागरिकों की स्वास्थ्य समस्याओं का निराकरण किया जाए। कैंसर जैसे रोगों से ग्रस्त नागरिकों को आवश्यक उपचार सुविधाएं प्राथमिकता से दिलवाई जाएं। प्रदेश में अंगदान को प्रोत्साहित किया जाए। पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा रहे हैं जो प्रदेश के नागरिकों को बेहतर उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे।

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सीएम ने बताया कि सरकार ने अस्पताल से पोस्टमार्टम और मत्यु के अन्य मामलों में पार्थिव देह घर तक ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है। यह व्यवस्था जिलों से प्रारंभ होगी जिसका बाद में विकास खण्ड और तहसील स्तर तक विस्तार होगा। प्रदेश में एयर एम्बुलेंस सेवा को अधिक प्रभावी बनाते हुए गंभीर रोगियों के साथ ही दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल नागरिकों को भी सेवाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।

एयर एंबुलेंस सेवा बनाएंगे प्रभावी

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है जहां मरीजों के लिए एयर एंबुलेस सुविधा उपलब्ध है। इस सुविधा का विस्तार इस तरह किया जाएगा कि किसी भी दुर्घटना स्थल पर भी एयर एंबुलेंस को पहुंचाया जा सके। दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को चिकित्सक और कलेक्टर द्वारा निर्णय लेकर चिकित्सा संस्थानों तक भेजने की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में एयर एंबुलेंस सेवा में एक हेलीकाप्टर और एक एरोप्लेन उपलब्ध है। गरीब से गरीब नागरिक को इस सुविधा का लाभ देने का प्रयास है। भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत राज्य के विभिन्न जोन निर्धारित कर इस सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

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पीपीपी मोड पर नए मेडिकल कॉलेज

राज्य में पीपीपी मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा रहे हैं। गत वर्ष नीमच, मंदसौर और सिवनी में कॉलेज प्रारंभ किए गए। इस तरह के अन्य मेडिकल कॉलेज भी प्रारंभ होंगे। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया चल रही है। गंभीर रोगों की आसानी से जांच और उपचार हो इसके लिए यह व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रदेश में नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है।

अंगदान और देहदान को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में अंगदान की घोषणा करने वालों और देहदान का संकल्प लेने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। अंगदान से एक से अधिक रोगियों को लाभ मिलता है। देहदान से चिकित्सा विद्यार्थियों के लिये शल्य क्रिया की दृष्टि से पार्थिव देह की उपलब्धता संभव होती है। अंगदान और देहदान का संकल्प लेने वाले नागरिकों एवं उनके परिजन को महत्वपूर्ण अवसरों पर सम्मानित किया जाए।

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सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएं लेंगे

सीएम ने निर्देश दिए कि विभिन्न सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएं विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में नागरिकों के उपचार में प्राप्त की जाएं। ‍नए मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के पदों को भरने की प्रक्रिया भी संचालित है।

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