मध्य प्रदेश में शराबबंदी की उठी मांग: महुआ छोड़ हर तरह की शराब हो बंद, कांग्रेस बोली- आदिवासी क्षेत्रों में चल रही ‘D3’ मुहिम


शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर शराब पर सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस ने प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में महुआ छोड़कर हर तरह की शराब को बंद करने की मांग की है। आरोप है कि आदिवासी इलाकों को शराब का गढ़ बना दिया गया है। जिससे एमपी में पीढ़िया खराब हो रही है।

आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक डॉ विक्रांत भूरिया का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक स्थलों पर शराबंदी की बात करते हैं। आदिवासी क्षेत्रों को शराब का अड्डा बना दिया गया। उन्होंने मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग की है। विक्रांत ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में महुआ की शराब को छोड़कर हर तरह की शराब बंद हो। क्यों कि महुआ शराब पूजा पाठ में उपयोग होती है।

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आदिवासी क्षेत्रों में चल रही डी 3 मुहिम

कांग्रेस नेता भूरिया ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में D3 मुहिम चल रही है, जिसका मतलब है- दहेज, दारू और डीजे के खिलाफ अभियान है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि धार कलेक्टर का लेटर है कि नकली होलोग्राम से शराब का कारोबार हो रहा है। जब शराब पकड़ी जाती है तो कार्रवाई ड्राइवर पर होती है। ठेकेदारों, मालिक पर एक्शन नहीं होता है।

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क्या हर आदमी पी रहा एक लाख की शराब ?

उन्होंने आगे कहा कि झाबुआ-अलीराजपुर में शराब का ठेका 400 करोड़ का है। गरीब जिले में इतना मंहगा ठेका कैसे हो रहा है ? अगर इतना महंगा ठेका हो रहा है तो हर आदमी क्या एक लाख की शराब पी रहा है! मध्यप्रदेश में हालत लगातार बिगड़ रहे हैं, गरीब पिस रहा है। शराब की खेप गुजरात तक जा रही है, जो ड्राय स्टेट है। प्रदेश सरकार जनता, आदिवासियों का शोषण करने वालों के साथ है। जोबट में एक करोड़ की शराब पकड़ी गई है।

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