विधानसभा की कार्यवाही लाइव नहीं होने पर नोटिस जारीः हाईकोर्ट ने पूछा- अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए दिया 21 करोड का फंड


शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही लाइव नहीं होने पर सरकार को नोटिस जारी किया गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने यह नोटिस जारी किया है। राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा सवाल कि- अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया जबकि केंद्र सरकार इसके लिए 21 करोड का फंड दिया है। 4 हफ्ते में राज्य सरकार को जवाब देना होगा। मामले में अगली सुनवाई 16 जून को होगी।

बता दें कि कांग्रेस विधायक सचिन यादव और प्रताप ग्रेवाल की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया गया है। याचिका में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के लाइव प्रसारण की मांग की थी। याचिका में बताया गया है कि- विधानसभा जनता की उम्मीदों का मंदिर है। यहां जो भी कहा जाता है, वह जनता के नाम पर कहा जाता है – फिर उस पर जनता की नजर क्यों न हो? जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनका चुना हुआ विधायक उनके मुद्दों को कितनी गंभीरता से उठाता है। संसद की तरह MP विधानसभा की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण हो। यह कोई सुविधा नहीं, जनता का संवैधानिक अधिकार है।

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विधानसभा अब भी पर्दे के पीछे क्यों

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कार्यवाही को लाइव टेलीकास्ट करने की मांग उठा चुके है। सिंघार ने कहा जब देश की संसद और कई राज्यों की विधानसभाओं की कार्यवाही जनता के सामने LIVE दिखाई जाती है, तो मध्यप्रदेश की विधानसभा अब भी पर्दे के पीछे क्यों है? क्या सरकार को डर है कि अगर कार्यवाही का सीधा प्रसारण हुआ तो जनता जान जाएगी – कौन जनहित की बात करता है, कौन सवाल पूछता है, और कौन सवालों के जवाब देने से बचता है?

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