नई संसद में संवाद नहीं, सिर्फ दिखावा: दिग्विजय सिंह का कटाक्ष, बोले- पत्रकारों को बाहर बैठाकर हो रही लोकतंत्र की बातें…  


हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में स्टेट प्रेस क्लब के कार्यक्रम में 2047 के AI पर चर्चा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंच से ही सरकार की वर्तमान कार्यशैली पर तीखा हमला बोल दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा – “2047 की कल्पना छोड़िए, पहले आज की हकीकत से तो आंख मिलाइए।” दिग्विजय सिंह ने संसद की नई बिल्डिंग को लेकर कहा कि अब वहां लोकसभा-राज्यसभा के सांसद एक जगह नहीं बैठते, पत्रकारों से संवाद की कोई गुंजाइश नहीं बची है। 

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दिग्विजय ने कहा कि पहले का ‘सेंटरल हॉल’ जहां सांसदों, पूर्व सांसदों और पत्रकारों के बीच खुले विचारों का आदान-प्रदान होता था, आज वह संवाद का मंच पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अब नेताओं को पत्रकारों से धूप में बैठकर बात करनी पड़ती है। सिंह ने कहा कि पिछले 11 सालों में पत्रकारिता को जिस तरह हाशिए पर धकेला गया, अब वही हाल विपक्षी नेताओं का भी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर आलोचकों को टारगेट कर दबाया जाता है। एजेंसियों को लगाकर तय किया जाता है कि किसे निशाना बनाना है, कौन सरकार के खिलाफ बोल रहा है और कैसे उसकी आवाज बंद करनी है।

‘गद्दार’ कहे जाने पर दिया करारा जवाब

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और ‘गद्दार’ कहे जाने को लेकर उन्होंने कहा – “अगर देश में भाईचारा और सांप्रदायिक सद्भाव की बात करने के बदले मुझे गद्दार कहा जाए, तो मैं उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने मुझे यह तमगा दिया।”

ट्वीट पर जो गलतियों होती है उससे घर में होना पड़ता है आलोचना का शिकार 

दिग्विजय सिंह ने कहा पहले मेरे पत्रकारों से बड़े अभिन्न संबंध रहे। लेकिन अमृता जी के साथ शादी होने के बाद अभी तो घर में पत्रकार है। और जब घर में पत्रकार हो जता है, उसका फायदा जरुर होता है। मैं कबीर का बहुत बड़ा फॉलोअर हूं, वो कहते है निंदक नियारे रखिए , आज भी जब रोज सुबह हमारी चाय पर अमृता जी से चर्चा होती है, क्योंकी करण यह है। वो भी व्यस्त रहती है में भी व्यस्त रहता हूं तो उस समय तक मैं अपने जो भी मुझे सोशल मीडिया पर डालना है वो डाल देता हूं। उसके बाद जो विश्लेषण होता है और जिस प्रकार से मुझे हर पोस्ट पर हर एक्स पर जिस प्रकार से उनका मुझे विश्लेषण सुनकर कहाँ-कहाँ मैने गलती की।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अभी दिक्कत मुझे यह है की मैं पढ़ा इंग्लिश मीडियम में, और वह पड़ी हिंदी मीडियम स्वभाविक है की मेरी उतनी अच्छी हो ही नहीं सकती है। आपने सुना उनको कितनी अच्छी हिंदी में उनका भाषण रहा। लेकिन जब मैं गलती कर जता हूं, तो फिर आप समझ सकते हैं की किस प्रकार से मुझे आलोचना का शिकार होना पड़ता है बता नहीं सकता।

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