MP में प्रमोशन पर सियासत: कांग्रेस बोली- गोरकेला कमेटी की रिपोर्ट पर की जाएं कर्मचारियों की पदोन्नति, नई नीति को बताया असंवैधानिक 


शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है। मामला सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों के प्रमोशन से जुड़ा हुआ है। दरअसल, सरकार ने हाल ही में प्रमोशन के रास्ते को साफ किया। मामले पर कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग ने मोर्चा खोला है। विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने बताया कि प्रमोशन के लिए सरकार का नया फार्मूला पूरी तरह से आधा-अधूरा, असंवैधानिक और अस्थायी है। जो वर्टिकल आधार पर काम करेगा। इससे एससी-एसटी वर्ग के अफसरों का हक मारा जाएगा। 

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कांग्रेस करेगी आंदोलन 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में एससी-एसटी बैकलॉग के 1 लाख 40 हजार से ज्यादा के पद खाली हैं। लिहाजा गोरकेला ड्राफ्ट (पदोन्नति अधिनियम 2017) को लागू कर प्रमोशन में आरक्षण का रास्ता सरकार को खोलना चाहिए। अहिरवाल ने बताया कि भाजपा की तत्कालीन शिवराज सरकार द्वारा गोरकेला ड्राफ्ट (पदोन्नति अधिनियम 2017) बनाया था। ताकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के अधीन लंबे समय से अवरुद्ध पदोन्नति राज्य के सभी वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को दी जा सकें।  ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय को सरकार द्वारा आठ साल हो चुके हैं। इसके बाद भी इसे लागू नहीं किय़ा गया। उन्होंने इस ड्राफ्ट को लागू करने के लिए कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी। 

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बीजेपी का पलटवार 

मामले पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है, बीजेपी प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण विरोधी और प्रमोशन की भी विरोधी है। यही कारण है कि मोहन सरकार के इस स्वागत योग्य निर्णय पर भी कांग्रेस सियासत कर रही है। बीजेपी ने कहा कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार के कारण ही प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण का मामला उलझा था।

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