भगवान श्री चिंतामन गणेश की जत्रा का समापन: पंचामृत से अभिषेक कर किया भव्य श्रृंगार, 56 भोग भी लगाया, जानिए क्या है मान्यता


अजय नीमा, उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन (The City of Mahakaal Ujjain) में चैत्र मास के हर बुधवार को आयोजित होने वाली भगवान श्री चिंतामन गणेश की जत्रा का आज समापन हुआ। शाही जत्रा के दौरान भगवान श्री गणेश का पंचामृत अभिषेक पूजन कर श्रृंगार कर 56 भोग लगाया गया।

MP मिशन हॉस्पिटल में मरीजों की मौत का मामला: डॉक्टर ने महाराष्ट्र में बनवाए थे फेक दस्तावेज, एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रति के भी मिले फर्जी साइन

बुधवार सुबह 4:00 बजे पट खुलते ही भगवान श्री गणेश का पंचामृत अभिषेक कर भव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद भगवान को 56 भोग अर्पित किया गया। इस दौरान मंदिर समिति द्वारा मंदिर में श्रद्धालुओं की सुगम दर्शन व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे। बड़ी संख्या में भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए पहुंचे। मंदिर के प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि, शाही जत्रा में उम्मीद है कि मंदिर में शयन आरती होने तक हजारों भक्त दर्शन लाभ लेंगे।

गुना में बनेगा आधुनिक गो-अभयारण्य और अनुसंधान केंद्र: केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया भूमिपूजन, कैंसर के इलाज के लिए बनेगी औषधि 

मंदिर के पुजारी जयंत शर्मा ने बताया कि, चैत्र मास की शाही जत्रा पर श्रद्धालु भगवान गणेश के समक्ष अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि जत्रा के दौरान भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान श्री चिंतामन गणेश की जत्रा को लेकर एक मान्यता यह भी है कि क्षेत्र में गेहूं, चने की फसल पक जाती है। किसानों के यहां धान के भंडार भर जाते हैं। किसान नया धान बाजार में बेचने से पहले भगवान चिंतामन गणेश के दरबार में चढ़ाने आते हैं।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *