अवैध निकली बर्फ फैक्ट्री: पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की जांच में खुली पोल, बिना परमिशन हो रही थी संचालित, कल रात अमोनिया गैस का हुआ था रिसाव


सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा में पोरवाल बर्फ फैक्ट्री पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। फैक्ट्री के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले। पॉल्यूशन बोर्ड का लाइसेंस भी नहीं है।

रतलाम के जावरा के आंटिया चौराहे पर स्थित पोरवाल बर्फ फैक्ट्री में मंगलवार रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक टैंक से अमोनिया गैस का रिसाव हो गया। जैसे ही श्रमिकों को गैस लीक होने की जानकारी मिली, वे घबराकर मौके से भाग निकले। फैक्ट्री के पीछे स्थित पुलिस लाइन में ड्यूटी पर तैनात कुछ पुलिसकर्मी टहल रहे थे, जिन्होंने गैस की तीखी गंध महसूस कर तुरंत अधिकारियों को सूचना दी।

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पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। एसपी अमित कुमार, एएसपी राकेश खाखा, जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़, सीएसपी दुर्गेश आर्मी, एसडीओपी संदीप मालवीय समेत संबंधित थानों की पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाकर टैंक और आसपास के क्षेत्रों में पानी का छिड़काव किया गया। बताया जा रहा है कि गैस लीक का कारण टैंक के वॉल में हुई दरार थी, जिससे अमोनिया गैस बाहर निकलने लगी। गनीमत रही कि समय रहते लीकेज का पता चल गया और एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

उज्जैन से आए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में खुली पोल

बुधवार दोपहर उज्जैन से आई मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पता चला कि फैक्ट्री बिना किसी वैध अनुमति के चलाई जा रही थी। फैक्ट्री संचालक कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके। पॉल्यूशन बोर्ड का लाइसेंस भी नहीं मिला। टीम में शामिल वैज्ञानिक हरिशंकर शर्मा और देवेंद्र सोलंकी ने मौके पर पंचनामा तैयार किया और रिसाव के कारणों की जांच की। फैक्ट्री संचालक के पुत्र को फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है। अमोनिया गैस के लीक होने की पुष्टि हुई है। फैक्ट्री संचालक और कर्मचारियों से पुलिस ने देर रात तक पूछताछ की। मामले की जांच जारी है और बिना लाइसेंस फैक्ट्री संचालन को लेकर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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आपको बता दें कि जब जावरा शहर यहां तक नहीं फैला था तो इन फैक्ट्रियों को लीज पर जमीनें दी गई थी जो कि आज शहर के बीचोबीच आकर इंसानों की दुश्मन बनी बैठी हैं। जावरा शहर में अन्य ऐसी फैक्ट्रियां भी हैं, जो शहर के बीचोबीच चल रही हैं। जिससे निकलने वाले धुएं से पूरा शहर चपेट में हैं। उनपर भी कार्यवाही जरूरी है।

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