MP मिशन हॉस्पिटल में मरीजों की मौत का मामला: डॉक्टर ने महाराष्ट्र में बनवाए थे फेक दस्तावेज, एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रति के भी मिले फर्जी साइन


बीडी शर्मा, दमोह। दमोह के मिशन हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टर के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। डॉक्टर ने महाराष्ट्र के नागपुर से कूटरचित (फर्जी) दस्तावेज बनवाए थे। एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति के भी फर्जी साइन मिले है। इधर, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम तीन दिन की जांच के बाद रवाना हो गई है। अधिकारियों ने इस मामले में कोई भी बयान नहीं दिया है।

मध्य प्रदेश के दमोह में फेक डॉक्टर की हार्ट सर्जरी से 8 मरीजों की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मरीजों की जान लेने वाले डॉक्टर ने नागपुर से कूटरचित दस्तावेज बनवाए थे। वहीं एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी फर्जी साइन मिले है। फर्जी डॉक्टर ने जिन मरीजों का ऑपरेशन किया था, उनमें से तीन की मौत एंजियोप्लास्टी के समय हुई थी।

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इधर, फर्जी डॉक्टर मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम तीन दिनों तक पड़ताल करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुई। मीडिया से किसी प्रकार की बात नहीं की। वहीं मध्य प्रदेश शासन ने मेडिकल कॉलेज की एक तीन सदस्य टीम इसी मामले में जांच करने के लिए दमोह भेजी है, जो मिशन अस्पताल सहित विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर दस्तावेजों को खंगाल रही है। यह टीम अभी कुछ दिन और रुककर मामले की पड़ताल करेगी।

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गौरतलब है कि दमोह के मिशनरी अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक शख्स ने डॉ. एन जॉन केम के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। उसने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी की, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो चुकी है। जांच में पता चला कि उसकी डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे।

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