चपरासी के हाथों बच्चों का भविष्य: प्यून ने चेक की आंसरशीट, काले कारनामे के खुलासे से विभाग भी हैरान
इन्द्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश में आए दिन अजीबो गरीब मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन हाल ही में हुई एक घटना ने पूरे शिक्षा विभाग को हैरत में डाल दिया। नर्मदापुरम में एक चपरासी ने यूनिवर्सिटी एग्जाम की कॉपियां मात्र 5 हजार रुपए लेकर जांच डाली। छात्रों की मेहनत को इस तरह बर्बाद करने का खुलासा होने के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।
चपरासी ने चेक की BA एग्जाम की कॉपियां
दरअसल, पूरा मामला पिपरिया के शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का है। बीते 31 जनवरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें दावा किया गया है कि कॉलेज के चपरासी पन्नालाल पठारिया ने BA एग्जाम की कॉपियां चेक की। इस मामले में छात्रों ने आपत्ति जताई थी स्टूडेंट प्रभारी प्राचार्य राकेश वर्मा के पास पहुंचे और इस मामले पर कार्रवाई की मांग की तो प्राचार्य वर्मा ने कुछ भी स्पष्ट नहीं होने और पीड़ित की शिकायत करने पर कार्रवाई की बात कही थी।
छात्रों की मांग पर उच्च शिक्षा विभाग ने की जांच
जब प्राचार्य ने कोई कार्रवाई नहीं की तो छात्रों ने स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी को ज्ञापन सौंपा। उच्च शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच की। इस दौरान पता चला कि विश्वविद्यालय ने उत्तर पुस्तिकाएं कॉलेज में मूल्यांकन के लिए भेजी थीं। यह जिम्मेदारी अतिथि शिक्षक खुशबू पगारे को दी गई थी।
अतिथि शिक्षक खुशबू ने किया बच्चों के भविष्य का सौदा
खुशबू पगारे ने इन उत्तर पुस्तिकाओं को राकेश कुमार मेहर को सौंप दिया। राकेश कुमार मेहर को इसके लिए 7 हजार रुपए का भुगतान किया गया था। राकेश कुमार ने फिर पन्नालाल से जांच कराने का सौदा 5 हजार रुपए में किया।
प्राचार्य और प्राध्यापक सस्पेंड
जांच समिति की रिपोर्ट में मूल्यांकन कार्य में गंभीर लापरवाही पर मूल्यांकन कार्य प्रभारी नोडल अधिकारी डॉक्टर रामगुलाम पटेल और प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर राजेश वर्मा को निलंबित कर दिया।
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