BHOPAL जिले में ट्यूबवेल खनन पर कलेक्टर का प्रतिबंधित
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भोपाल श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल आभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है तथा जिले में निरन्तर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत संम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर 30 जून 2025 तक प्रतिबंध लगाया गया है।
भोपाल में बोरिंग मशीन मशीनों के प्रवेश पर प्रतिबंध, FIR दर्ज होगी
आदेश अनुसार सम्पूर्ण जिला भोपाल की राजस्व सीमाओं में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी। संबधित्त राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रुप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन / बोरिंग का प्रयास करेगी उक्त मशीनों को जप्त कर संबंधित पुलिस थाना क्षेत्र में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा।
समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने के लिए प्राधिकृत किया जाता है। इस अधिसूचना का उल्लघन करने पर दो हजार रुपये के जुर्माने तथा दो वर्ष तक के कारावास या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर यह आदेश लागू नहीं होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्ययोजनांतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा।
नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजि जल स्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेय जल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील रहेगा।
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