BNS-224, सरकारी अधिकारी को धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी, जानिए
कोई सेवक के कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 221 के अंतर्गत दंडित किया जाता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को किसी कार्य करने, किसी कार्य को न करने, कर्तव्य से दूर रहने आदि की धमकी देता है, तब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एक नई धारा के अंतर्गत अपराध बनता है, जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 224 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को किसी कार्य को करवाने, किसी कार्य को न करवाने या किसी कार्य में विलंब करने आदि की धमकी देता है या क्षति करने की धमकी देता है, तब ऐसा व्यक्ति BNS की धारा 224 के अंतर्गत दोषी होगा। ▪︎ मोहम्मद बनाम सम्राट मामले में दो पुलिस कांस्टेबलों ने रात के समय अपनी गश्त ड्यूटी देते हुए एक निगरानी-शुदा अपराधी के घर के बाहर खड़े होकर उसके नाम से पुकार की। इस पर उस अपराधी का भाई, जो कि बगल वाली झोपड़ी में ही रहता था, बाहर आया और उसे नींद में दखल देने के लिए पुलिस कांस्टेबलों को लताड़ते हुए मारने की धमकी दी। न्यायालय ने आरोपी को धारा 189 (अब BNS की धारा 224 लागू होगी) के अधीन दोषी ठहराया।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 224 Provision of Punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी, लेकिन पुलिस थाने से एनसीआर लिखी जा सकती है एवं इस अपराध के लिए किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज होगा। परिवाद किसी लोक सेवक के द्वारा दर्ज होगा। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। सजा – इस अपराध के लिए दो वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। लेखकबी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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