MP जल, गंगा संवर्धन अभियान


मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत 30 मार्च से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के काम किया जा रहे हैं। आज दिनांक 2 अप्रैल 2025 तक की स्थिति में शाजापुर नंबर वन पर चल रहा है, दूसरे नंबर पर विदिशा है और सबसे खराब प्रदर्शन बुरहानपुर का है। यहां कोई काम ही नहीं हुआ। पर यह आपका जिला किस नंबर पर है। मध्य प्रदेश में किस जिले में अच्छा काम हुआ और कहां पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नेतागिरी की जा रही है।

शाजापुर में 1800 कार्यों का लक्ष्य 

शाजापुर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में 1800 कार्यों का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिले में वॉटर शेड कार्य, 19 प्रमुख नदियों के उद्गम क्षेत्रों में साफ-सफाई, 87 पुराने तालाबों की सफाई की कार्य योजना तैयार की गयी। जिले की 352 ग्राम पंचायतों में पानी चौपाल की शुरूआत कर दी गयी है। 

मूल्यांकन: यह मध्य प्रदेश में किसी भी जिले का सबसे बड़ा टारगेट है। 19 प्रमुख नदियों के उद्गम क्षेत्रों में साफ-सफाई केवल अच्छा काम नहीं है बल्कि पुण्य का काम भी है। 

विदिशा में 100 साल पुरानी चेतन बावड़ी का जीर्णोद्धार

विदिशा जिले के सिरोंज में 100 साल पुरानी चेतन बावड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया। बावड़ी के संरक्षण से आसपास के क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नागरिकों के साथ अधिकारी-कर्मचारी जल संरक्षण कार्य में शामिल हुए। 

मूल्यांकन: ऐतिहासिक काम किया गया है। 100 साल पुरानी बावड़ी का जीर्णोद्धार, जल संरक्षण, इतिहास, संस्कृति और पर्यटन सभी दृष्टि से महत्वपूर्ण है। 

ग्वालियर के ग्राम छिरेंटा में पोखर गहरीकरण

ग्वालियर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में जन-भागीदारी से तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। भितरवार जनपद पंचायत के ग्राम छिरेंटा के पोखर में एसडीएम श्री डी.एन. सिंह के नेतृत्व में गहरीकरण का कार्य किया गया। ग्रामीणों ने इस मौके पर जल संरक्षण के महत्व पर सार्थक संवाद भी किया। किसानों से ग्रीष्मकालीन धान की फसल के स्थान पर कम पानी में अधिक पैदावार वाली मूंग की फसल लेने का आह्वान किया गया। युवाओं को आदर्श ग्राम बनाने के लिये संकल्प दिलाया गया। 

मूल्यांकन: जल संरचनाओं में “पोखर” सबसे छोटी इकाई है परंतु कई बार यह जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह किसी भी क्षेत्र को भयंकर सूखा और लोगों को प्यार से मौत की स्थिति से बचाते हैं। 

भिंड: चंबल की नहर में जंगल सफाई और चोई हटाने का कार्य

चम्बल नहर प्रणाली की अम्बाह शाखा द्वारा नहर में जंगल सफाई और चोई हटाने का कार्य किया गया। सफाई कार्य में विभागीय मैदानी कर्मचारियों ने उपस्थित होकर श्रमदान किया। जल की महत्ता और स्रोतों के संरक्षण पर जोर देते हुए धरोहर को बचाने के लिये जागरूक किया। 

मूल्यांकन: निश्चित रूप से अच्छा काम है। नहर की सफाई होते रहना चाहिए। नहर में “चोई” कई बार दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मृत्यु का कारण बन जाती है। इसकी सफाई बहुत जरूरी है। 

झाबुआ में कुएँ की सफाई एवं गहरीकरण

झाबुआ जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में जल संरचनाओं के साफ-सफाई और गहरीकरण के कार्य लगातार किये जा रहे हैं। जन-अभियान परिषद के नेतृत्व में पेटलावद की आदर्श ग्राम पंचायत असालिया में सामूहिक श्रमदान के माध्यम से कुएँ की सफाई एवं गहरीकरण का कार्य किया गया। लगातार काम से कुएँ के जल-स्तर में सुधार और जल संरक्षण को बल मिलेगा। अभियान में नवांकुर संस्था ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति और ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। 

मूल्यांकन: कुछ नहीं से कुछ भला। कुएँ का गहरीकरण भी एक अच्छा काम है। 

मुलताई में माँ ताप्ती नदी तट की सफाई

जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नगरपालिका परिषद मुलताई में माँ ताप्ती नदी तट के सफाई अभियान की शुरूआत की गयी। विधायक श्री चन्द्रशेखर देशमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजा पवार, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती वर्षा गढ़ेकर, स्थानीय जन-प्रतिनिधि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। नगर परिषद नारायणगढ़ में पेयजल प्याऊ लगाकर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। 

मूल्यांकन: काम अच्छा है लेकिन मुलताई में हर तीज त्योहार पर, प्रत्येक सामाजिक संस्था, यहां तक की बच्चों की जन्मदिन के अवसर पर भी ताप्ती नदी के तट की सफाई हो जाती है। फिर ऐसी कौन सी गंदगी थी जो सफाई अभियान की जरूरत पड़ गई। कहीं यह रॉन्ग नंबर तो नहीं है। पब्लिक ने काम किया और प्रशासन अपने नाम पर चढ़ा रहा है। 

शहडोल में कलेक्टर के साथ श्रमदान

शहडोल में जल गंगा संवर्धन अभियान में एक नया नारा जन-सामान्य के बीच गढ़ा गया है। यह नारा है “पानी आप बचाओ, पानी आपको बचायेगा’’। इसके लिये सरकार और समाज, दोनों को मिलकर जल के महत्व को समझना होगा। जन-सामान्य को बताया जा रहा है कि जल जीवन का अभिन्न अंग है। इसके बिना न तो कृषि संभव है और न ही उद्योग। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के नेतृत्व में ब्यौहारी, ग्राम अमन, पड़मानिया गाँव में सामूहिक श्रमदान किया गया। सफाई कार्य में जन-अभियान परिषद के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 

मूल्यांकन: काम कम नेतागिरी ज्यादा दिखाई दे रही है। जल संवर्धन में जरूरी है कि कहां पर और क्या काम किया गया। गांव में श्रमदान का क्या तात्पर्य है। 

बुरहानपुर में 44 तालाब संचालित

जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरूआत से जिले की सिंचाई परियोजना के कार्य में तेजी लायी गयी है। जिले की प्रमुख सिंचाई योजना पांगरी से 4400 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। जिले की 112 करोड़ 50 लाख रुपये की सिंचाई परियोजना से 15 गाँव के लगभग 3200 किसान लाभान्वित होंगे। जल संसाधन विभाग द्वारा 44 तालाब संचालित किये जा रहे हैं। ग्रामीणों को जल संरचनाओं की सफाई कार्य के महत्व के बारे में बताया गया। 

मूल्यांकन: इसे कहते हैं आंखों में आंकड़े झोंकना। कितनी चतुराई के साथ बुरहानपुर वालों ने ऐसे आंकड़े प्रस्तुत कर दिए जिनके यहां पर कोई उपयोग नहीं है, लेकिन इतनी चतुराई के साथ में प्रस्तुत किए हैं कि जो भी पड़ेगा ताली बजा देगा। मुद्दे की बात यह की बुरहानपुर में जल संवर्धन के नाम पर हैंडपंप की नाली की भी सफाई नहीं की गई। 

डिस्क्लेमर:- प्रकाशित किए गए सभी प्रतिवेदन संबंधित जिलों के कलेक्टर्स के माध्यम से मध्य प्रदेश शासन के पास पर चार प्रसार के लिए भेजे गए। मध्य प्रदेश शासन की ओर से पत्रकारों को उपलब्ध कराए गए हैं। हमने केवल मूल्यांकन किया है। आंकड़ों और प्रतिवेदन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर जिम्मेदार है। अंत में एक और महत्वपूर्ण बात। मध्यप्रदेश में टोटल 55 जिले हैं लेकिन दैनिक गतिविधियों के प्रतिवेदन सिर्फ 10-15 जिलों से ही प्राप्त हो रहे हैं। से सभी जिलों के कलेक्टर शायद मुख्य सचिव के डायरेक्ट फोन का इंतजार कर रहे हैं।

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