अखिलेश यादव के ‘गौशाला में दुर्गंध’ वाले बयान पर बवाल: MP में यहां बजरंग दल ने किया प्रदर्शन, पुतला फूंक कर जताया विरोध  


एसआर रघुवंशी, गुना। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गौशाल पर दुर्गन्ध वाले बयान पर सियासत गरमा गई है। वे अपने ही बयान पर चारों ओर से घिर गए हैं। वहीं अब उनके बयान पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। मध्य प्रदेश के गुना में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके विवादास्पद बयान के खिलाफ मंगलवार को हनुमान चौराहे पर विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव का पुतला फूंककर उनके बयान की कड़ी निंदा की, और राष्ट्रपति के नाम संयुक्त कलेक्टर संजीव खेमरिया को ज्ञापन सौंपा। 

अखिलेश यादव ने दिया था यह बयान 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने हाल ही में एक बयान में कहा था, “जिन लोगों को दुर्गंध पसंद है, वे लोग गौशाला बनाते हैं।” इस टिप्पणी को गौमाता और सनातन परंपरा का अपमान मानते हुए बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राकेश शर्मा ने कहा, “गाय माता इस देश की पुरातन परंपरा है। गौशाला के ऊपर जो टिप्पणी अखिलेश यादव ने की है, वह बेहद निंदनीय है। अखिलेश यादव के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। भाजपा एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने वाराणसी में अखिलेश यादव का प्रतीकात्मक पुतला फूंकते हुए कहा, “हमें गौ माता से गंध नहीं, बल्कि उनकी सेवा करने में गर्व महसूस होता है।” इसके अलावा, फिरोजाबाद में भी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के बयान के विरोध में प्रदर्शन किया और उनके पुतले का दहन किया। 

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राकेश शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गौशालाओं को श्रद्धा, सेवा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। गौशालाएं न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि समाज में आर्थिक और सामाजिक संरचना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे में अखिलेश यादव का बयान सनातन परंपरा और आस्थाओं के प्रति असंवेदनशील माना जा रहा है। अखिलेश यादव के गौशालाओं पर दिए गए बयान ने राजनीतिक गलियारों में नया बवाल खड़ा कर दिया है। बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शनों से यह स्पष्ट होता है कि गौमाता और सनातन परंपरा के प्रति लोगों की गहरी आस्था है, और ऐसे बयानों को वे अपनी धर्म और संस्कृति के विरुद्ध मानते हैं।  

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