चैत्र नवरात्री, हिंदू नव वर्ष, उगादी से गुड़ी पड़वा….’, PM मोदी ने ‘मन की बात’ में ‘महुआ’ के कुकीज का भी किया जिक्र, जानें 120वें एपिसोड की खास बातें


Mann Ki Baat: PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 30 मार्च को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 120वे एपिसोड को संबोधित किया. अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने भारतवासियों को चैत्र नवरात्र, उगादि, विषु पर्व और गुड़ी पड़वा की बधाई दी. इस दौरान PM मोदी ने अलग-अलग भाषाओं में विभिन्न त्योहारों की देशवासियों को बधाई दी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज बहुत पावन दिन पर मुझे आपसे ‘मन की बात’ करने का अवसर मिला है. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने महुआ के फूल का भी जिक्र किया. उन्होंने महुआ फूल के बढ़ते उपयोग पर बात की.  

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पीएम मोदी ने महुआ के फूलों के बढ़ते उपयोग पर बात की. उन्होंने बताया कि हमारे गांवों और विशेष रूप से आदिवासी समुदाय में महुआ के फूलों का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि अब देश के कई हिस्सों में महुआ के फूलों को नए तरीकों से उपयोग में लाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में महुआ के फूलों से कुकीज बनाई जा रही हैं, जो एक अनूठी पहल है.

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    उन्होंने कहा, आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है. साथ ही आज से भारतीय नववर्ष की भी शुरुआत हो रही है. ईद का त्योहार तो आ ही रहा है. ये त्योहार भारत की विविधता में एकता का अहसास कराते हैं.

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    प्रधानमंत्री ने कहा आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है और आज से ही भारतीय नववर्ष का भी आरंभ हो रहा है. इस बार विक्रम संवत 2082 (दो हजार बयासी) शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा इस समय मेरे सामने आपकी ढेर सारी चिट्ठियां रखी हुई हैं. कोई बिहार से है, कोई बंगाल से, कोई तमिलनाडु से है, कोई गुजरात से है. इनमें बड़े रोचक तरीके से लोगों ने अपने मन की बातें लिखकर भेजी हैं. कई सारी चिट्ठियों में शुभकामनाएं भी हैं, बधाई संदेश भी हैं, लेकिन आज मेरा मन करता है, कुछ संदेशों को आपको सुनाऊं.”

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    पीएम नरेंद्र मोदी ने कन्नड़ और तेलुगु भाषा में उगादि उत्सव की शुभकामनाएं दीं. इसके अलावा, उन्होंने कोंकणी भाषा में संसार पाड़वा की शुभकामनाएं दीं. इसके अलावा उन्होंने मराठी भाषा में गुड़ीपड़वा, मलयालम भाषा में विषु पर्व, और तमिल भाषा में नववर्ष (पुथांडु) की शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “साथियों, आप ये तो समझ गए होंगे कि अलग-अलग भाषाओं में भेजे गए संदेश हैं, लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं? यही तो वो खास बात है, जो आज मुझे आपसे साझा करनी है. हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में आज और अगले कुछ दिनों में नववर्ष शुरू हो रहे हैं और ये सभी संदेश नववर्ष और विभिन्न पर्वों की बधाइयों के हैं, इसलिए मुझे अलग-अलग भाषाओं में लोगों ने शुभकामनाएं भेजी हैं.

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    कैलेंडर किया लॉन्च

    प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर MY BHARAT का खास कलैंडर भी लॉन्च किया. जिसे गर्मियों की छुट्टी के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने कहा, इस कलैंडर के जरिए स्टडी टूल की मदद से आप यह जान सकते हैं कि हमारो औषधि केंद्र कैसे काम करते हैं, आप वाइब्रेंट विलेज अभियान का हिस्सा बन सकते हैं. वहीं, आंबेडर जयंती पर पदयात्रा में भारीदारी कर आप संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं.

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    जल संरक्षण का दिया संदेश

    प्रधानमंत्री ने कहा, गर्मियां नजदीक आ रही है और गर्मियों में पानी का रोल काफी ज्यादा बढ़ जाता है इसीलिए पीएम ने जल संरक्षण को लेकर बात की. जल संरक्षण की अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बारिश की बूंदों को बचा कर हम बहुत सारा पानी बर्बाद होने से बचा सकते हैं. पिछले कुछ सालों में इस अभियान के तहत देश के कई हिस्सों में जल संरक्षण का काम हुआ है. पिछले 7-8 साल में बने टैंक, तालाबों और अन्य जल रिचार्ज की तकनीक से 11 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी का संरक्षण किया गया है. उन्होंने कैच द रेन अभियान का शानदार उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के गडग जिले का जिक्र किया, जहां सूख गईं झीलों को गांव के लोगों ने पुनर्जीवित किया.

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