कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर में तनाव, हाई कोर्ट से बहाल होते ही SDM सस्पेंड


मध्य प्रदेश के नर्मदा पुरम जिले में कलेक्टर सोनिया मीणा और डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन के बीच में तनाव की गंभीर स्थिति बन गई है। महिला कर्मचारियों की शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने उन्हें SDM के पद से हटाया। चिरामन हाई कोर्ट चले गए और कलेक्टर के आर्डर को स्थगित करवा दिया। 28 मार्च को सुबह चिरामन को एसडीएम के पद पर बहाल किया गया और शाम को सस्पेंड कर दिया गया। 

महिला कर्मचारियों की शिकायत के बाद SDM के पद से हटाया था

मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन, नर्मदा पुरम जिले में सोहागपुर एसडीएम के पद पर पदस्थ थे। सरकारी फाइल के हिसाब से महिला कर्मचारियों ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा में बात करने और आपत्तिजनक मैसेज करने का आरोप लगाया था। पटवारियों ने भी उनके खिलाफ शिकायत की थी। शिकायतें मिलने पर कलेक्टर ने 21 मार्च को उन्हें SDM पद से हटा हटाकर नर्मदापुरम कलेक्ट्रेट में वापस बुला लिया था। उन्होंने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी और 25 मार्च को हाई कोर्ट ने कलेक्टर के आर्डर को स्टे कर दिया था। 

कलेक्टर ने बहाल किया, कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया 

दिनांक 26 मार्च को उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में हाई कोर्ट का स्थगन आदेश जमा करवाया। इधर कलेक्टर ने इंटरनल इंक्वारी की। कलेक्टर सोनिया मीणा ने स्वयं महिला कर्मचारियों और पटवारियों के बयान लिए। इसकी रिपोर्ट कमिश्नर केजी तिवारी को सौंपी। शुक्रवार 28 मार्च की सुबह हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार कलेक्टर ने असवान राम चिरामन को SDM सोहागपुर के पद पर बहाल करने के आदेश जारी किए। इसी दिन देर शाम, कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर केजी तिवारी ने, डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन को निलंबित किए जाने के आदेश जारी कर दिए।

कमिश्नर बोले- रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई

नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर कृष्ण गोपाल तिवारी ने कहा कि सोहागपुर के एसडीएम असवान राम चिरामन को नर्मदापुरम कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि चिरामन द्वारा आपत्तिजनक भाषा के प्रयोग को लेकर यह कार्रवाई की गई है। कलेक्टर की रिपोर्ट में पूरे घटनाक्रम का विस्तार से उल्लेख किया गया है।

पटवारी संघ से भी पंगा चल रहा था

डिप्टी कलेक्टर चिरामन पिछले महीने पटवारी संघ से भी विवाद में रहे। उन्होंने कुछ पटवारियों का इंक्रीमेंट रोक दिया था, जिससे संघ नाराज हो गया और हड़ताल की चेतावनी दी थी। पटवारी संघ के विरोध के बाद चिरामन को झुकना पड़ा और उन्होंने आदेश वापस ले लिया था।

महिला से जूते की लेस बंधवाए थे

इससे पहले भी चिरामन विवादों में रह चुके हैं। सिंगरौली जिले के चितरंगी में एसडीएम रहने के दौरान उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे एक महिला से जूते के लेस बंधवाते नजर आ रहे थे। उस वक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें तत्काल हटा दिया था। इसके बाद वह नर्मदापुरम में पदस्थ किए गए थे। इस मामले में प्रतिक्रिया कर व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा भी था कि, गनीमत है SDM को सस्पेंड नहीं किया। 

डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन का बयान

डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन ने कहा, मैं पिछले आठ महीने से सोहागपुर में एसडीएम के पद पर रहा, मैंने अच्छा काम किया। इस दौरान केवल दो-तीन बार पटवारियों की बैठक ली। यह झूठा आरोप लगाया जा रहा है कि मैं उन्हें बैठक में डांटता था।

मैं सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक काम करता हूं। अनुशासन और कार्यशैली में सख्ती रखना मेरे स्वभाव में है, लेकिन यही बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आई। राजस्व महाअभियान के दौरान दिए गए लक्ष्यों को मैंने पूरा करने के लिए सख्ती बरती। इससे कुछ लापरवाह और कामचोर कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी पड़ी। इस कारण पटवारी संघ मेरे विरोध में उतर आया।

मुझे जानकारी मिली कि नायब तहसीलदार नीरू जैन ने तहसीलदार की ओर से कलेक्टर को एक शिकायत पत्र भेजा है। इसमें तहसीलदार की सील का उपयोग किया गया। मैं निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।

22 मार्च को सोहागपुर से हटाने का आदेश जारी किया गया, जिसकी सूचना अगले दिन रविवार को मिली। इसके बाद हाईकोर्ट से स्टे आदेश लिया और 26 मार्च को कलेक्टर कार्यालय में जमा किया। 28 मार्च, शुक्रवार को सोहागपुर एसडीएम के पद पर बहाल करने का आदेश जारी हुआ, लेकिन उसी दिन देर शाम निलंबन की सूचना मिली।

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