भावना सिंह हत्याकांडः पार्टी के दौरान टीवी पर गाना बदलने को लेकर विवाद के बाद मारी थी गोली, हिमाचल में छिपे थे आरोपी, कानपुर होते हुए नेपाल भागने की फिराक में थे, ऑनलाइन सट्टा से आरोपियों के जुड़े तार


चंकी बाजपेयी, इंदौर। शहर में सात दिनों पहले हुई भावना सिंह हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हिमाचल प्रदेश से लौटते वक्त ग्वालियर बायपास से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फ्लैट में तलाशी के दौरान 28 मोबाइल, 4 लैपटॉप, 60 बैंक खाते और 50 एटीएम बरामद हुए है। आरोपियों के तार ऑनलाइन सट्टा से जुड़े बताए जा रहे है।

21 मार्च को भावना सिंह की गोली से मौत

डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि 21 मार्च को ग्वालियर की भावना सिंह की गोली लगने से इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने हत्या सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर दो थानों की तीन टीम बनाई जो आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। सीसीटीवी फुटेज और सबूत के आधार पर सूचना मिली कि आरोपी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कंसोल में रुके हुए हैं। पुलिस हिमाचल प्रदेश पहुंची तब तक आरोपी वहां से निकल चुके थे। एक टीम ग्वालियर में ही जांच पड़ताल कर रही थी तभी बायपास पर सूचना के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में आशू पिता स्व राजेश यादव, मुकुल पिता स्व राजेश यादव निवासी दतिया, महिला मित्र स्वास्तिक राय निवासी दतिया शामिल है।

बस और अपने साथियों की मदद से भोपाल पहुंचे

पूछताछ में खुलासा हुआ कि स्वास्तिक के कहने पर ही भावना सिंह फ्लैट पर पहुंची थी और चारों लोग पार्टी मना रहे थे, तभी टीवी पर चल रहे गाने को बदलने को लेकर भावना और मुकुल में कहा सुनी हो गई। इसके बाद मुकुल ने अपनी पिस्तौल से भावना पर गोली चला दी। इसके बाद सभी हड़बड़ा गए और घायल भावना को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहां उनकी गंभीर हालत देखते हुए सभी मौके से फरार हो गए। फिर उन्होंने किराए के वाहन को निपानिया में छोड़कर बस से और अपने साथियों की मदद से भोपाल पहुंचे। वहां से ग्वालियर से हिमाचल प्रदेश पहुंचे थे। पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली तो 28 मोबाइल, 4 लैपटॉप, 60 बैंक खाते और 50 एटीएम बरामद हुए है। इसके बाद पुलिस ने 10 हजार का इनाम और लुक आउट नोटिस जारी किया था, ताकि यह लोग विदेश ना भाग सकें।

फरारी के दौरान मदद करने वाले भी चिन्हित

पुलिस ने बताया कि इससे पहले आशु और मुकुल विदेश यात्रा कर चुके हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों पर हत्या सहित ऑनलाइन गैम्बलिंग एक्ट का भी प्रकरण अलग से दर्ज किया है। जिन लोगों ने भी तीनों आरोपियों को फरार होने के दौरान मदद की उनको भी चिन्हित किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इनके पास कई मोबाइल और बहुत सारी सिम चलाते थे। इस कारण से पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जहां भी आरोपी पहुंचते थे वहां पर पुराना सिम बदलकर बात करते थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

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