18वीं अखिल भारतीय पुलिस निशानेबाजी निशानेबाजी का शुभारंभ, 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी ले रहे भाग, CM डॉ मोहन ने किया ये बड़ा ऐलान


चंकी बाजपेयी, इंदौर. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के रेवती रेंज में 18वीं अखिल भारतीय पुलिस निशानेबाजी (खेल) चैम्पियनशिप का शुभारंभ किया. यह प्रतियोगिता केंद्रीय आयुध और युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्युटी) सीसुबल, इंदौर द्वारा आयोजित की जा रही है. जो 24 से 29 मार्च 2025 चलेगी. साथ ही सीएम ने निशानेबाजों की खोज के लिए कार्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की है.

डॉ. शमशेर सिंह, भा.पु.से, अपर महानिदेशक/निदेशक सीसुबल अकादमी टेकनपुर ने मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्वागत किया. सीएम ने परेड की सलामी ली और गुब्बारे और खुले आसमान में कबूतर छोड़े और औपचारिक रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की. इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारिका का विमोचन भी किया.

सीएम ने बीएसएफ को दी बधाई

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा “मैं इस कार्यकम के आयोजन के लिए बीएसएफ के टीम को बधाई देता हूं और उनकी सफलता की कामना करता हूं. इंदौर के रेवती रेंज में सिविल प्रशासन, पुलिस, शीर्ष औद्योगिक संगठन के प्रमुख, बल के जवानों, परिवारों और प्रतिष्ठित नागरिकों सहित बड़ी संख्या में कर्मियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. मध्य प्रदेश खेलों के क्षेत्र में तेजी से उभर कर सामने आ रहा है. भविष्य में हमारा प्रदेश खेलों की राजधानी बनेगा. प्रशासन और बीएसएफ के समन्वय से निशानेबाजों की खोज की जाएगी और उन्हें रेवती रेंज में प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा.

लास्ट पुणे में किया गया था आयोजित

रेवती रेंज में आयोजित इस वार्षिक चैम्पियनशिप खेल प्रतियोगिता में देश भर के केन्द्रीय शस्त्र पुलिस बल, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के कार्मिक भाग ले रहे हैं. यह पिछले 5 वर्षों में आयोजित नहीं किया जा सका था और आखिरी बार 2019 में पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था. यह 24 से 29 मार्च 2025 तक इंदौर के रेवती रेंज में आयोजित किया जा रहा है. छह दिनों की इस प्रतियोगिता के दौरान देश भर के पुलिस संगठनों और राज्य पुलिस की टीमें, जिसमें देश भर के 600 पुरुष और महिला निशानेबाज और अधिकारी शामिल होंगे. इस प्रतियोगिता के माध्यम से विभिन्न पुलिस संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले निशानेबाज/टीमें उच्च खेल भावना के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से अपने शूटिंग कौशल का प्रदर्शन करेंगी. अखिल भारतीय पुलिस खेल नियंत्रण बोर्ड (AIPSCB) की देखरेख में रेवती रेंज में स्पोर्ट्स वेपन्स की इस प्रतियोगिता में 17 स्पर्धाएं आयोजित की जा रही हैं. भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) के विभिन्न अधिकारी की निगरानी में कुल 204 पदकों के लिए खिलाड़यों के बीच मुकाबला होगा, जिसमें 68 स्वर्ण, 68 रजत एवं 68 कांस्य शामिल हैं.

आधुनिक हथियारों की तस्वीरों की प्रदर्शनी

देश भर के केंद्रीय पुलिस संगठन और राज्य पुलिस अपने शानदार रिकॉर्ड के कारण अपनी स्थापना के बाद से ही देश के खेल जगत में सुर्खियों और प्रधानता में रहे हैं. सीएपीएफ और पुलिस बलों के कई दिग्गज खेल कर्मियों ने विभिन्न खेलों में हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया है और हमें गौरवान्वित किया है. बल में प्रचलित खेल संस्कृति न केवल खिलाड़ियों में बल्कि प्रत्येक बल कार्मिक में सकारात्मक भावना को बढ़ाती और प्रेरित करती है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यहां पुराने और आधुनिक हथियारों की तस्वीरों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. इसमें बीएसएफ प्रशिक्षण गतिविधियों को भी प्रदर्शित किया गया है.

प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमें

18वीं अखिल भारतीय पुलिस निशानेबाजी (खेल) चैम्पियनशिप-2024 में असम पुलिस, हरियाणा पुलिस, केरला पुलिस, राजस्थान पुलिस, छत्तीसगढ़ पुलिस, तमिलनाडु पुलिस, पंजाब पुलिस, तेलांगना पुलिस, आरपीएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ, असर राइफल्स, सीआईएसएफ, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस, हिमाचल पुलिस, उत्तराखंड पुलिस, उत्तरप्रदेश पुलिस, गुजरात पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस, मनीपुर पुलिस, कर्नाटक पुलिस, पश्चिम बंगाल पुलिस, मेघालय पुलिस, मध्यप्रदेश पुलिस के कार्मिक भाग ले रहे हैं.

सीएम ने किया सावरकर की प्रतिमा का अनावरण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के प्रगति नगर में स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर जी को याद करते ही आनंद और रोमांच की अनुभूति होती है. उन्होंने अनेक कष्ट और प्रताड़ना सहकर देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका जीवन आदर्श है. काला पानी जैसी सबसे कठिन सजा पाकर भी वे अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे. वीर सावरकर के इतिहास को सही रूप में समझने की आवश्यकता है. हमारा लक्ष्य है कि उनके इतिहास को सही रूप में जन-जन तक पहुंचाया जाए. जिस स्थान की स्थापना जिस महापुरुष के नाम से होती है वह स्थान उन्हीं के नाम से जाना और पहचाना जाए. इसके लिए सूचना पटल लगाने सहित शासकीय पत्राचार और अन्य कार्यों में भी उनके नाम का उपयोग किया जाए.

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