फर्जी कॉल सेंटर रिश्वतकांड मामला: निलंबित टीआई को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत, आरोपियों को बचाने के लिए हुई थी 25 लाख में डील


शब्बीर अहमद, भोपाल। भोपाल में फर्जी कॉल सेंटर संचालकों को बचाने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में अंडर ग्राउंड हुए निलंबित टीआई जितेंद्र गढ़वाल को जबलुपर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उनकी जमानत को मंजूर कर लिया गया है। केस का मुख्य आरोपी एएसआई पवन रघुवंशी अब भी फरार है। उसके साथ एएसआई मनोज सिंह और प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य आरोपी मोइन अंशुल पार्षद भी फरार हैं।

कार्यवाहक निरीक्षक जितेंद्र गढ़वाल ने डीसीपी जोन-1 को गोपनीय पत्र के माध्यम से उसके संदिग्ध आचरण की जानकारी दी थी। इस आधार पर 28 फरवरी को उसे लाइन हाजिर किया गया। उनके वकील की ओर से यह तमाम तर्क कोर्ट में दिए। जिसके आधार पर उन्हें जमानत का लाभ मिला। बता दें कि पुलिस एक को भी अभी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। निलंबित एएसआई पवन रघुवंशी 10 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ाया था। फर्जी काल सेंटर संचालित करने वाले आरोपियों को बचाने के लिए 25 लाख में डील हुई थी। 

यह है पूरा मामला

भोपाल में प्रभात चौराहा स्थित एक बिल्डिंग में संचालित ‘आइडियालॉजी एडवांस स्टॉक प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कॉल सेंटर पर पुलिस ने 23 फरवरी को छापा मार कार्रवाई की थी। पुलिस ने कॉल सेंटर को पूरी तरह से सील कर दिया था। पुलिस ने सेंटर से 80 से अधिक कंप्यूटर और 26 मोबाइल सिम जब्त की गई थी। पुलिस को कॉल सेंटर के सरगना की एक डायरी भी मिली थी, जिसमें 100 से अधिक नाम और मोबाइल नंबर दर्ज थे। 

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