4 साल के मासूम की हत्या का मामला: आरोपी 12 साल की लड़की में पाए गए सिजोफ्रेनिया के लक्षण, भोपाल में होगी जांच और इलाज


कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) से दो दिन पहले 4 साल के मासूम की खौफनाक तरीके से हत्या (Gruesome Murder) करने का मामला सामने आया था। इस वारदात को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि महज 12 साल की लड़की निकली थी। वहीं अब सामने आया है कि आरोपी लड़की (Accused Girl) को सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) होने का संदेह है।

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आइए पहले मामला क्या है वो जानते हैं

दरअसल, ग्वालियर जिले के सिरोल कॉस्मो आनंदा टाउनशिप से मंगलवार दोपहर से लापता 4 साल के बच्चे का शव बुधवार रात टाउनशिप के पास से बरामद हुआ है। जब जांच की गई तो सामने आया कि, 12 साल की लड़की ने 4 साल के बच्चे की हत्या की है। पुलिस ने बताया कि लड़की ने बच्चे का गला दबाकर हत्या की और शव को एक गड्ढे में दबा दिया।

बच्ची के साथ बेर तोड़ने गया था

दरअसल उत्तर प्रदेश के ललितपुर माहूलेन गांव के 27 वर्षीय रामकुमार वंशकार ग्वालियर में मजदूरी के लिए परिवार के साथ आया है। परिवार में पत्नी के अलावा उनके चार बच्चे हैं। दूसरे नंबर के बच्चे देवराज की उम्र चार साल है। मंगलवार को रामकुमार और उसकी पत्नी काम के लिए कॉस्मो आनंदा गए थे। तब चार साल का बच्चा देवराज वहां पर अपने भाई-बहन के साथ खेल रहा था। दोपहर 12 बजे पास ही रहने वाली एक 12 साल की बच्ची के साथ बेर तोड़ने के लिए गया था। इसके बाद उसकी मां वहां पहुंची तो देवराज नहीं मिला। पड़ोस की 12 साल की बच्ची ने बताया कि वह उसे वापस उसी स्थान पर छोड़कर चली गई थी।

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कहानियां सुनाकर पुलिस को कर रही गुमराह

जब बच्चे का पता नहीं चला तो पति को सूचना दी। सूचना मिलते ही पति और अन्य साथी देवराज को तलाश करने लगे लेकिन कोई पता नहीं चला, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी। बुधवार रात 9 बजे बच्चे का शव घर से 100 मीटर की दूरी पर एक निर्माणधीन प्लॉट के पिलर के लिए खोदे गए गड्ढे में मिला। उसकी बेरहमी से हत्या की गई है। पुलिस ने बताया कि इस संवेदनशील मामले में 12 साल की बच्ची से पूछताछ की जा रही है। वह लगातार अलग अलग कहानियां सुनाकर पुलिस को गुमराह कर रही है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगा।

अब मामले में आया नया मोड़

वहीं अब जांच में सामने आया कि आरोपी लड़की को सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) होने का संदेह है। जिसे लेकर ग्वालियर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई मनोचिकित्सकों से इस लड़की की स्थिति पर चर्चा की और मनोचिकित्सा जांच के बाद सिजोफ्रेनिया के लक्षण पाए गए। जिसके बाद पुलिस ने लड़की की रिपोर्ट बालिका सुधार गृह विदिशा को भेजी है, जहां आरोपी लड़की वर्तमान में बंद है। आगे की जांच और इलाज भोपाल में किया जाएगा।

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क्या है सिजोफ्रेनिया?

सिजोफ्रेनिया एक गंभीर और दुर्बल करने वाला मस्तिष्क और व्यवहार संबंधी बीमारी है। जिसमें व्यक्ति वास्तविक दुनिया से अलग होकर आभासी दुनिया में जीने लगता है। इस दौरान मरीज को कानों में कई प्रकार की आवाजें सुनाई देती हैं और वह उन्हें कमांड समझकर काम करता है। इसके साथ ही मरीज को विभिन्न आकृतियां दिखाई देती हैं, जो भी उसे आदेश देती हैं। व्यक्ति के सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों को वास्तविकता और कल्पना में अंतर करने, सामान्य भावनाओं को व्यक्त करने और प्रबंधित करने और निर्णय लेने में परेशानी होती है। अगर भारत में सिजोफ्रेनिया के मामले की बात की जाए तो यहां करीब 35 हजार मरीज हैं।

सिजोफ्रेनिया के लक्षण

  • भ्रम होना
  • अव्यवस्थित सोच
  • असामान्य व्यवहार
  • डर या घबराहट
  • ऐसा महसूस होना कि आप घर से बाहर नहीं जा सकते
  • धीमी गति से चलना
  • खराब याददाश्त
  • एकाग्रता की कमी
  • कानों में आवाजें सुनाई देना
  • चीजें नजर आना
  • बॉडी में गर्म लगना
  • अनर्गल बातें बोलना

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