BHOPAL PROPERTY GUIDELINE – क्रेडाई वालों को केवल आलोक शर्मा का साथ मिला, बाकी सबका आश्वासन


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संपत्ति की समीक्षा और उसका मूल्यांकन करने के बाद प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री के लिए कलेक्टर की गाइडलाइन 2025-26 के विरोध में कुछ रियल एस्टेट व्यापारियों की संस्था क्रेडाई वाले भोपाल के प्रत्येक विधायक और प्रभारी मंत्री से मिले। इस अभियान में उन्हें केवल सांसद शर्मा का साथ मिला। बाकी सब ने आश्वासन देकर हाथ जोड़ लिए। 

भोपाल के प्रभारी मंत्री और विधायकों ने क्या कहा

प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप ने सुझावों को न्यायसंगत बताते हुए अधिकारियों को निर्देशित करने का आश्वासन दिया। यह बिल्कुल वैसा ही आश्वासन है जैसा रियल स्टेट के कारोबारी, समय पर प्रोजेक्ट पूरा होने का आश्वासन देते हैं। मंत्री कृष्णा गौर ने क्रेडाई तथा व्यापारी संगठनों को पूरी तरह से समर्थन का भरोसा दिया। विधायक भगवान दास सबनानी ने प्रभारी मंत्री के साथ बैठक में शामिल होकर पारदर्शिता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा ने गाइडलाइन दरों में हुई वृद्धि से आमजन प्रभावित हो रहा है। मैं सुझाव आपत्तियों से सहमत हूं। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा बढ़ती गाइडलाइन दरें लोगों के लिए बोझ बन रही है, बाजार को प्रभावित कर रही हैं। मैं इस विषय को मजबूती से रखूंगा। 

कुल मिलाकर उपरोक्त में से किसी ने भी कलेक्टर गाइडलाइन को अन्यायपूर्ण नहीं बताया। किसी ने भी ऐसा कोई कठोर शब्द नहीं कहा, जिसका तात्पर्य होता कि हम क्रेडाई के साथ हैं। रियल एस्टेट के व्यापारियों का संगठन है, प्रतिनिधिमंडल मिलने के लिए आया था इसलिए मान सम्मान रखा गया। 

केवल आलोक शर्मा ने झंडा उठाया 

भोपाल के तमाम जनप्रतिनिधियों में से केवल संसद आलोक शर्मा ने CREDAI का झंडा उठाया और कलम चलाई। सांसद आलोक शर्मा ने पिछली तिमाही की तरह अव्यवहारिक वृद्धि का विरोध करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री को सुझाव, आपत्ति प्रेषित कर दी है। 

COLLECTOR vs CREDAI – किसकी होगी जीत 

पिछली बार सांसद आलोक शर्मा की कड़ी आपत्ति के बाद कलेक्टर गाइडलाइन को लागू होने के ठीक पहले स्थगित कर दिया गया था। सुना है इस बार कलेक्टर साहब, माननीय सांसद महोदय का इतना मान सम्मान रखने के मूड में नहीं। वह चाहते थे कि पिछली बार हमने आपका सम्मान रखा है तो इस बार आप हमारा रखिए। मैदान में कलेक्टर और क्रेडाई के बीच सीधा संघर्ष चल रहा है। एक के पास पॉलीटिकल पावर है तो दूसरे के पास सुपर पॉलीटिकल पावर है। देखते हैं दोनों में से कौन जीता है। 

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