कमिश्नर हो तो ऐसा – शहडोल को वर्ल्ड फेमस कर दिया, प्रधानमंत्री ने अमेरिका जाकर तारीफ की


आज की तारीख में संभागीय कमिश्नर एक ऐसी पोस्ट होती है, जिसको लोग जानते तक नहीं है। लोगों को कलेक्टर का नाम याद होता है। कमिश्नर के बारे में तो कुछ पता ही नहीं होता लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी श्री राजीव शर्मा ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि, आज दुनिया भर में उनके क्रिएशन की चर्चा हो रही है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका और ब्राजील में, दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमी श्री राजीव शर्मा आईएएस के प्रयासों से प्राप्त हुए परिणामों की चर्चा कर रहे हैं। 

दुनिया भर में क्या चर्चा हो रही है 

भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकन पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ विस्तार से बातचीत में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के दौरे की स्मृतियों को साझा की। पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने शहडोल जिले के जनजातीय बाहुल्य गांव विचारपुर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शहडोल जिले की यात्रा में उन्हें उस जगह के बारे में पता चला, जहां के निवासियों में फुटबॉल के प्रति अटूट प्रेम है। वे अपने क्षेत्र को मिनी ब्राजील कहते हैं। अमेरिकन पॉडकास्ट में पीएम श्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां सेंट्रल पार्ट ऑफ इंडिया में मध्यप्रदेश एक स्टेट है, वहां शहडोल एक जिला है, शहडोल जिला बहुत बड़ा ट्राइबल बेल्ट है, जहां काफी ट्राइबल लोग रहते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान मैंने शहडोल में देखा कि स्पोर्ट्स की ड्रेस पहने हुए वहां 80 से 100 के करीब नौजवान, छोटे बच्चे, सभी लोग एक ही प्रकार से बैठे थे। मैं उनके पास गया, उनसे पूछा कि आप लोग कहां से हैं? जवाब मिला, हम मिनी ब्राजील से हैं। मैंने खिलाड़ियों से पूछा कि मिनी ब्राजील क्या है? तो खिलाड़ियों ने बताया कि हमारे गांव विचारपुर को लोग मिनी ब्राजील कहते हैं। मैंने फिर पूछा कैसे मिनी ब्राजील कहते हैं? खिलाड़ियों ने बताया कि हमारे गांव में हर परिवार में लोग फुटबॉल खेलते आ रहे हैं। गाँव से 80 से अधिक नेशनल प्लेयर निकले हैं। पूरा गाँव फुटबॉल को समर्पित है और वो कहते हैं कि हमारे गांव का इंडिविजुअल मैच जब होता है, तो 20 से 25 हजार दर्शक तो आसपास के गांव से ही आ जाते हैं। 

RAJEEV SHARMA IAS का कमाल 

यह बात सही है कि शहडोल के विचारपुर गांव में, फुटबॉल का विचार कर पीढ़ी पुराना है परंतु फुटबॉल की क्रांति तब शुरू हुई जब भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री राजीव शर्मा, शहडोल संभाग के कमिश्नर बनाकर पहुंचे। उन्हें जब विचारपुर की फुटबॉल के बारे में पता चला तो उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया। सरकार के पास ऐसी योजनाओं के लिए कोई फंड नहीं होता है। जंगलों के बीच संसाधन जुटाने के लिए उन्होंने अंबानी से लेकर बिड़ला तक से बात की। जहां से हो सकता था वहां से मदद मांगी। फुटबॉल क्लब का गठन किया और फुटबॉल क्लब के सदस्यों की संख्या 1500 से अधिक तक पहुंचा दी। 

राजीव शर्मा ने एक फुटबॉल से दो गोल मारे

शहडोल संभाग के तत्कालीन कमिश्नर श्री राजीव शर्मा ने एक फुटबॉल से दो गोल मारे। शहडोल के प्रख्यात पत्रकार श्री सौरभ पांडे की एक रिपोर्ट बताती है कि, उन दिनों शहडोल के आदिवासी युवा नशे का शिकार हो रहे थे। इसके कारण अपराध बढ़ रहे थे। नक्सलवाद की समस्या बढ़ सकती थी। इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए 26 सितंबर 2021 को कमिश्नर श्री राजीव शर्मा ने पुष्पराजगढ़ ब्लाक के गांव बीजापुरी में “कमिश्नर कप टूर्नामेंट” का आयोजन किया। यह टूर्नामेंट 9 दिन तक चला। इसके बाद कमिश्नर शर्मा ने फुटबॉल क्लब का गठन किया जिसकी सदस्य संख्या 30000 तक हो गई थी। इसमें 5 साल के छोटे बच्चों से लेकर 45 साल तक के युवा शामिल थे। बीजापुरी में सीन कुछ ऐसा हो गया था कि बूढ़े लोग भी फुटबॉल क्लब की यूनिफॉर्म पहनकर मैच देखने के लिए आते थे। शहडोल के आदिवासी अब हथियार नहीं फुटबॉल उठाते हैं। ✒ उपदेश अवस्थी

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