218 BNS – किसी अधिकारी को संपत्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने से रोकना कब अपराध होता है, जानिए


अगर कोई लोक सेवक अपने कर्तव्य का पालन करते हुए किसी व्यक्ति की संपत्ति जब्त कर रहा है और कोई व्यक्ति उसे ऐसा कार्य करने से रोकता है, जैसे कि न्यायालय द्वारा पुलिस अधिकारी को आदेश दिया गया हो कि आप “म” नामक व्यक्ति की कार को जब्त कर लें। पुलिस अधिकारी उस कार को जब्त करने जाता है और कार मालिक पुलिस अधिकारी को कार जब्त नहीं करने देता है तथा उनका प्रतिरोध करता है, तब कार मालिक पर क्या कार्यवाही हो सकती है, जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 218 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को विधिपूर्ण तरीके से ली जाने वाली संपत्ति का प्रतिरोध करेगा, जबकि उसे पता है कि संपत्ति जब्त होनी है, लेकिन वह जानबूझकर लोक सेवक का प्रतिरोध करेगा, वह व्यक्ति BNS की धारा 218 के अंतर्गत दोषी होगा।

नोट: सरकारी अधिकारी द्वारा वैध आदेश के अनुसार किसी व्यक्ति का मकान तोड़ना, अवैध कब्जा हटाना, बैंक अधिकारी द्वारा किसी के मकान पर ताला लगा देना, संपत्ति जब्त करना आदि का प्रतिरोध करने वाले व्यक्ति को इस धारा के अंतर्गत दंडित किया जाता है।

Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 Section 218: Provision of Punishment

यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवा सकता है, एवं इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। यह अपराध समझौता योग्य नहीं है। इस अपराध के लिए छह माह का कारावास या जुर्माना, जो दस हजार रुपये तक हो सकता है, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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