214 BNS – अधिकारी द्वारा पूछे प्रश्नों के उत्तर देने से इन्कार करना कब दण्डनीय अपराध है, जानिए
किसी भी मामले की इन्वेस्टीगेशन या इंक्वारी के लिए, जब कोई पुलिस या प्रशासन का अधिकारी, किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए अथवा बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाता है और वह व्यक्ति, सवालों का जवाब नहीं देता। जानते हुए भी कुछ नहीं बताता। तब ऐसी स्थिति में क्या उसे व्यक्ति के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। चलिए आज इसी विषय को समझते हैं:-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 214 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक के समक्ष सत्य कथन बोलने के लिए विधिक रूप से उपस्थित हैं और वह लोक सेवक द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं देता है या प्रश्नों के जवाब में कुछ नहीं बोलता तब वह व्यक्ति BNS की धारा 214 के अन्तर्गत दोषी होगा।
महत्वपूर्ण जानकारी:-
1. पुलिस अधिकारी द्वारा साक्षी से अगर कोई सवाल किया जाता है और वह इसका उत्तर नहीं देता है तब वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत अपराधी नहीं होगा।
2. सत्पथी बनाम पी. एल. दानी मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पुलिस अधिकारी द्वारा आरोपी से प्रश्न पूछा जा रहे हैं और उसे लगता है की इन प्रश्नों के माध्यम से उसे फंसाने की कोशिश की जा रही है, तो वह अधिकारी के प्रश्नों के जवाब देने से इन्कार कर सकता है।
Bharatiya Nyaya Sanhita,2023, Section 214 Provision of punishment
“यह अपराध,असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवा सकते हैं एवं इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के लिए छ: माह की कारावास या पाँच हज़ार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखकबी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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