ICICI LG Insurance बेईमान, 45 दिन में 11.50 लाख जुर्माना देने का आदेश
ICICI Lombard General Insurance Co. Ltd को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग क्रमांक 1 जिला इंदौर ने बीमा क्लेम अदा करने में बेईमान घोषित करते हुए, उपभोक्ता को 45 दिन के अंदर 11.50 लाख रुपए अदा करने के आदेश दिए हैं। इसमें बीमा की रकम और जुर्माना शामिल है।
KASLIWAL AUTOMOBILES PRIVATE LIMITED के स्टाफ ने आश्वासन दिया था
जिला उपभोक्ता आयोग को बताया गया है कि, इंदौर के ड्रीम सिटी टाउनशिप, तलावली चांदा निवासी अंकुर शर्मा ने 16 जून 2019 को कासलीवाल ऑटोमोटिव प्रा.लि. लसूडिया मोरी से हुंडई आई-20 कार खरीदी थी। इस दौरान शोरूम से उन्हें बताया गया कि उनके शोरूम से इंश्योरेंस कराने पर क्लेम सेटलमेंट जल्द हो जाता है। बीमा कंपनी क्लेम का सेटलमेंट कुछ ही घंटों में कर देती है। साथ ही अन्य फायदे भी बताए। इस पर उन्होंने विश्वास कर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से कार का बीमा करा लिया। इसके लिए 19 जून 2019 को इंश्योरेंस की प्रीमियम राशि 39,488 रुपए का भुगतान भी कर दिया।
11 अक्टूबर 2019 को एक्सीडेंट हो गया
11 अक्टूबर 2019 को अंकुर शर्मा कार चला रहे थे। नेपानगर जिले के अम्बाडा में उनकी कार पुलिया से नीचे गिर गई। इस दौरान उन्हें कोई चोट नहीं आई लेकिन कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। अंकुर शर्मा ने तुरंत KASLIWAL AUTOMOBILES और ICICI Lombard कंपनी को सूचना दी। बीमा कंपनी ने मौके पर टोइंग गाड़ी भेजी और उसे कार कंपनी के सर्विस सेंटर पर भेज दिया गया। इसके साथ ही इंश्योरेंस कंपनी और शोरूम कर्मचारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
घंटे का आश्वासन दिया था कई दिनों तक सेटलमेंट नहीं हुआ
इस दौरान शर्मा ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस पॉलिसी और आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी दे दी। इसके बाद शोरूम के सर्विस सेंटर ने रिपेयर के लिए जॉब कार्ड तैयार कर लिया और क्लेम सेटलमेंट के लिए आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को भेज दिया। अंकुर शर्मा से कहा गया कि इंश्योरेंस कंपनी की सर्वे रिपोर्ट आना बाकी है। आते ही कार की रिपेयरिंग करा दी जाएगी। फिर कई दिनों तक बीमा कंपनी और सर्विस सेंटर सिर्फ आश्वासन देते रहे। बताया गया कि प्रोसेस चल रही है। सेटलमेंट होने में थोड़ा समय लग रहा है।
ICICI Lombard ने बीमा क्लेम रिजेक्ट कर दिया
कुछ दिनों बाद बीमा कंपनी ने अपने मेल में बताया कि अंकुर शर्मा ने घटना का गलत विवरण दिया है। साथ ही कहा कि बीमा कंपनी ने 6 अक्टूबर को एक पत्र अंकुर शर्मा को भेजा था। इसमें टोइंग वाहन का किराया 15 हजार रुपए का भुगतान करने का कहा गया। मामले में अंकुर शर्मा ने कहा कि यह नियम के विपरीत है। यह खर्च रिपेयरिंग में शामिल रहता है। इस बीच कोरोना का दौर शुरू हो गया, जिसके कारण शर्मा को काफी परेशानी हुई। उधर बीमा कंपनी ने न तो क्लेम का निराकरण किया और न ही कार रिपेयर की।
कोरोना के कारण 1 साल बाद केस दर्ज करवाया
मामले में अंकुर शर्मा ने अपने एडवोकेट मनीष वर्मा के माध्यम से 2 दिसंबर 2020 को कासलीवाल हुंडई शोरूम और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में केस लगाया। इसमें बताया कि शोरूम और बीमा कंपनी द्वारा सेवा में कमी की गई है, जिससे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए क्लेम केस और सेवा में कमी के लिए 8.85 लाख रुपए, मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 1 लाख रुपए और परिवाद का खर्च 25 हजार रुपए दिलवाए जाने की मांग की।
ICICI Lombard General Insurance सेवा में कमी की दोषी
22 फरवरी 2025 को उपभोक्ता फोरम ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड कंपनी को जवाबदार मानते हुए आदेश दिया कि वह पीड़ित पक्ष को 8.85 लाख रुपए 6% ब्याज की दर से उन्हें अदा करें। ब्याज की राशि क्लेम केस पेश करने की तारीख 2 दिसंबर 2020 से देनी होगी। साथ ही पीड़ित पक्ष दुर्घटनाग्रस्त कार बीमा कंपनी को सुपुर्द करें। इसके अलावा पीड़ित पक्ष को हुई असुविधा और मानसिक आघात के लिए 25 हजार रुपए और परिवाद का 15 हजार रुपए का खर्च भी दें। इस तरह ब्याज सहित 11.50 रुपए की राशि 45 दिनों में भुगतान करना होगी।
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