MP NEWS – भगोरिया को अंतर्राष्ट्रीय आकर्षण बनाने की शुरुआत, Dr Mohan Yadav


मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पूरे प्रदेश में कुछ नए रंग भरने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की बेहद सुंदर और संवेदनशील आदिवासी संस्कृति का भगोरिया पर्व हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है परंतु सीएम डॉ मोहन यादव इसे मथुरा की होली की तरह अंतरराष्ट्रीय आकर्षण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दिशा में उन्होंने पहला कदम बढ़ा दिया है। भगोरिया पर्व को राजकीय त्यौहार का दर्जा प्रदान कर दिया गया है। 

मध्य प्रदेश का भगोरिया उत्सव क्या होता है

आपने दुनिया भर में देखा होगा किसी उत्सव की सफलता के लिए मेला लगाया जाता है या फिर मेले की सफलता के लिए उत्सव का आयोजन किया जाता है परंतु “भगोरिया” एक ऐसा इवेंट है जिसमें उत्सव और मेला इस प्रकार शामिल है कि, इन्हें अलग करके देखा ही नहीं जा सकता है। भगोरिया एक ऐसे मेले का नाम है जिसमें बहुत सारे उत्सव होते हैं। यह एक पारंपरिक विशाल हाट बाजार होता है। यहां संगीत होता है, नृत्य होता है, उत्साह होता है, जीवन के रंग होते हैं, आनंद होता है। होली के अवसर पर आयोजित होने वाले इस मेले में सभी आदिवासी ऐसे सज धज कर, परंपरागत वेशभूषा में आते हैं। इस मेले में कोई कितना भी बड़ा हो और कितना भी छोटा, हर कोई सिर्फ आदिवासी होता है। 

भगोरिया उत्सव को राजकीय दर्जा देने से क्या फायदा होगा

अब तक भगोरिया उत्सव, सिर्फ आदिवासी समाज का आयोजन था। इसके कारण कई सारी व्यवस्थाएं शेष रह जाती थी। बजट की कमी के कारण आयोजन को वह भव्यता नहीं मिल पाती थी। वैसे आज भी देश-विदेश के लोग भगोरिया देखने के लिए आते हैं परंतु नेशनल और इंटरनेशनल टूरिस्ट मैप पर भगोरिया के नाम का कोई झंडा नहीं है। राजकीय दर्जा दिए जाने के बाद सरकार यह सब कुछ कर पाएगी। जब दुनिया भर में इस साल के भगोरिया का प्रचार होगा। फोटो और वीडियो वायरल होंगे तो लोग अगले साल आने के लिए प्रेरित होंगे। जब मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के प्रचार अभियान में भगोरिया भी शामिल होगा तो यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। 

सबसे खास बात यह है कि जब आदिवासी बच्चे और युवा सारी दुनिया को उनकी संस्कृति के प्रति सम्मान करते हुए देखेंगे तो स्वयं को आदिवासी होने पर प्राउड फील करेंगे। फिर वह कोई झंडा पड़कर किसी रैली में शामिल नहीं होंगे बल्कि अपनी और अपने देश की तरक्की के लिए काम करेंगे। दुनिया भर को ट्राईबल ब्रेन पावर दिखाने के लिए काम करेंगे। 

मोहन यादव को क्या फायदा होगा

इतिहास गवाह है, सरकार को यदि कोई फायदा ना हो तो वह आपके द्वारा लाई गई स्वागत की फूलमाला भी स्वीकार नहीं करती। इसलिए सवाल तो बनता है कि, भगोरिया को राजकीय दर्जा दिए जाने से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को क्या फायदा होगा। इसका एक सरल उत्तर यह है कि मध्य प्रदेश में 47 विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और 84 विधानसभाओं में जीत और हार का फैसला आदिवासी करते हैं। सरकार आदिवासियों के लिए कुछ करेगी, तभी तो चुनाव में आदिवासियों से वोट मांग पाएगी, लेकिन इसके अलावा एक और बात भी है। 

डॉ मोहन यादव को भारतीय संस्कृति और प्राचीन इतिहास एवं परंपराओं से बड़ा लगाव है। जब वह मुख्यमंत्री नहीं थे तब भी अंतरिक्ष विज्ञान की दृष्टि से ब्रह्मांड में उज्जैन के महत्व का प्रचार किया करते थे। ऐसा करने से लोगों का अंधविश्वास दूर होता है और साधु और नेताओं पर डिपेंडेंसी काम हो जाती है परंतु फिर भी मोहन यादव ऐसा करते रहे। दरअसल यह, उनकी व्यक्तिगत रुचि का विषय है। यही कारण है कि वह मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करते हुए, मध्य प्रदेश के औद्योगिकरण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। वह प्रयास कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश भारत की आर्थिक शक्ति बने परंतु इस बात की चिंता भी कर रहे हैं कि आधुनिकता की आंधी में मध्य प्रदेश की पहचान फीकी ना पड़ जाए। 

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